अस्थमा एक गंभीर बिमारी है जो सांस की नली को प्रभावित करती है। इस बिमारी के कारण सांस की नली में सूजन आ जाती है जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। आमतौर पर अस्थमा के लक्षणों में सांस का फूलना, सीने में दर्द होना, खांसी होना इत्यादि शामिल हैं। यह समस्या जुखाम, खांसी और कफ के दौरान अधिक हो जाती है क्योंकि कफ से सांस की नली प्रभावित होती है। अस्थमा या दमा होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें मुख्य है एलर्जी। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को एलर्जी वाली चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और अपना खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं अस्थमा के अन्य कारण और लक्षण-
अस्थमा के कारण: - अधिक एक्सरसाइज करना - ज्यादा दवाईयों का सेवन करना - एल्कोहल और धूम्रपान - अनुवांशिकता - वायु प्रदूषण - अधिक धूल के संपर्क में आना - ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस में संक्रमण होना - परफ्यूम के इस्तेमाल से - तनाव या डर के कारण
अस्थमा के लक्षण: - खांसी, जुकाम या सर्दी जैसी एलर्जी - सीने में खिंचाव महसूस होना - सांस लेने वक्त सांस में घरघराहट की आवाज आना - बेचैनी महसूस होने लगना - उल्टी या मिचली जैसा महसूस होना - थकावट और आलस महसूस होना - जोर-जोर से सांस लेना - सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी होना
अस्थमा के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए? अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा है, तो उसे दूध, अंडा, बादाम, मछ्ली इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये दमा की समस्या को बढ़ा सकता है और सांस की नली को प्रभावित कर सकता है।
अस्थमा के मरीजों को क्या खाना चाहिए? अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे में आप अपनी डाइट में गाजर और पालक शामिल कर सकते हैं। इनमें विटामिन्स और मिनरल्स उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं जो अस्थमा में बहुत मदद करते हैं। अपने भोजन में अदरक, लहसुन, हल्दी और काली मिर्च जैसे मसालों को भी शामिल कर सकते हैं, ये अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं।
क्या अस्थमा के मरीजों को कॉफी पीना चाहिए? कॉफी में कैफीन अधिक मात्रा में मौजूद होता है जो अस्थमा के मरीजों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कैफीन के कारण सांस लेने में पेरशानी आ सकती है और फेफड़ों में सूजन भी आ सकती है।