अर्थराइटिस की समस्या बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि युवाओं में भी बढ़ता जा रहा है। दर्द, अकड़न और जोड़ों में सूजन जैसी बीमारियां अर्थराइटिस के ही लक्षण होते हैं। कई लोगों को तो गठिया समय के साथ बढ़ता है पर कई लोगों में गठिया बचपन से ही हो जाता है। अर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द हड्डियों के कमजोर हो जाने का कारण भी होता है। ऐसे में नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से जोड़ों के दर्द और अकड़न से राहत मिलती है। इसके अलावा हल्दी का इस्तेमाल भी अर्थराइटिस की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। आइए जानते हैं हल्दी कैसे अर्थराइटिस के दर्द को कम करता है-
हल्दी कैसे अर्थराइटिस को कम करता है? हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व होता है जो अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द को कम करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण सूजन को भी कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं हल्दी का इस्तेमाल अर्थराइटिस के मरीजों के जोड़ों के लिए भी अच्छा होता है। हल्दी का पेस्ट बनाकर दर्द वाले जगह पर लगाने से राहत मिलती है।
प्याज और लहसुन: प्याज और लहसुन में 'डायएलाइल डायसल्फाइड' नामक तत्व मौजूद होता है, जो अन्य रोगों के अलावा आर्थराइटिस की समस्या को भी कम करने में मदद करता है। यह तत्व कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाने वाले एन्जाइम्स पर लगाम लगाता है और इस प्रकार जोड़ों में दर्द कम करने में योगदान करता है।
अदरक: अदरक में एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में मौजूद होता है जो अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इस पोषक तत्व के कारण जोड़ों में होने वाली दर्द और सूजन कम होता है। इसके अलावा अदरक अर्थराइटिस के अन्य लक्षणों से भी राहत दिलाता है। अदरक का पानी या फिर कच्चे अदरक को चबाना आपको जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।
आलू का रस: आलू के रस में विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, विटामिन्स और कार्बनिक नामक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे पीने से शरीर में जमा यूरिक एसिड बाहर निकल जाता है, जिस कारण आर्थराइटिस से आराम मिलता है। साथ ही अर्थराइटिस के कारण होने वाली सूजन भी कम हो जाती है और दर्द से राहत मिलता है।