अजीत डोभाल ने संभाला मोर्चा और निकल गई चीन की हेंकड़ी

नई दिल्ली

भारत-चीन के बीच करीब एक पखवाड़े से जारी तनाव के बाद सोमवार को चीन को पीछे हटना पड़ा है। चीन ने लद्दाख में सीमा पर से अपनी सेना को डेढ़ से दो किलोमीटर पीछे हटा लिया है।
भारत-चीन के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब 2 घन्टे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है।
5 जुलाई 2020 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल की 2 घण्टे लम्बी वीडियो कांफ्रेंसिंग चीनी अधिकारी H.E. Wang Yi से हुई थी, जिसके कुछ देर बाद ही दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटना शुरू हुई हैं।
यह दूसरा अवसर है जब चीन को भारत की भूमि से पीछे हटना पड़ा है। इससे पहले डोकलाम में भी चीनी अतिक्रमण के खिलाफ भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई थी। तब भी चीन की सेना को पीछे हटना पड़ा है।
गौरतलब है कि लद्दाख में गलवान घाटी में चीन की सेना द्वारा कब्जा किया गया था। यहां पर चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर भारत के 20 सैनिकों पर हमला कर शहीद कर दिया गया था। उसी झड़प में चीन के 100 से ज्यादा सैनिकों के मरने की बात चीन के बागी नेताओं ने कही थी।
उसी दिन से भारत ने रणनीतिक तौर पर चीन की विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ घेराबंदी कर युद्ध से पहले ही अपनी हार मानने पर मजबूर कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा था कि विस्तारवाद का युग खत्म हो गया है, अब विकासवाद का युग है।

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