एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के क्लीनिकल पैटर्न से इस तरह की बात आई सामने, पढ़े

कोरोना के बिना लक्षण वाले यानी एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के बारे में आम राय है कि इन्हें खतरा बहुत कम होता है. मगर हालिया अध्ययन से पता चला है कि यह वायरस एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के शरीर में 'साइलेंट किलर'

की तरह खतरनाक तरीका से हमला कर रहा है. नेचर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ऐसे मरीजों के फेफड़े निर्बल हो रहे हैं व उनमें निमोनिया का खतरा बढ़ता है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि पहली बार एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के क्लीनिकल पैटर्न से इस तरह की बात सामने आई है. पता चला कि इन मरीजों के फेफड़ों को नुकसान तो हुआ लेकिन इनमें खांसी, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण नहीं दिखे. ऐसे मरीजों की आकस्मित से मृत्यु होने का खतरा भी बहुत अधिक है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने इसमें व अध्ययन की आवश्यकता बताई.
भारत में करीब 80 प्रतिशत ऐसे मरीज बीते दिनों कई रिपोर्ट में सामने आया कि हिंदुस्तान में करीब 80 प्रतिशत मरीज एसिम्प्टोमैटिक हैं. वहीं, दुनिया स्वास्थ्य संगठन का बोलना है कि संसार में ऐसे मरीजों की संख्या छह से 41% तक हो सकती है.
संक्रमण फैलने का डर चूंकि बिना लक्षण वाले मरीजों को अपनी बीमारी का पता नहीं होता इसलिए वे महत्वपूर्ण सावधानी कम बरतते हैं व इस तरह आसार रहती है कि वे अपने घर और संपर्कमें आने वाले अन्य लोगों को संक्रमित कर देंगे.
कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से तलाश शोधकर्ताओं ने 37 बिना लक्षण वाले मरीजों से जुड़े डाटा का अध्ययन किया जो कि चाइना के सेंटर फॉर डिसीज एंड प्रिवेंशन संस्थान द्वारा जुटाया गया था. इस संस्थान ने चाइना में फरवरी से अप्रैल तक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जाँच के जरिए कुल 2088 मरीजों को ढूंढा था. मरीजों के सीटी स्कैन से पता लगा कि 57 फीसदी मरीजों के फेफड़ों में धारीदार छाया थी जो कि फेफड़ों में सूजन या इन्फ्लेमेशन का लक्षण है. जिसमें फेफड़े अपनी स्वाभाविक क्षमता से कार्य करना बंद कर देते हैं.
चिल्लाने-तेज सांस लेने पर संक्रमण डब्लूएचओ के कार्यकारी निदेशक डाक्टर माइकल रायन का बोलना है कि बिना लक्षण वालों के मुंह से निकली संक्रमित बूंदें सरलता से दूसरे आदमी तक नहीं पहुंचतीं. जब कोई गाता है, जिम करते समय तेज सांस भरता है, क्लब में तेजी से गाता है या पास खड़े किसी आदमी पर चिल्लाता है तो ये बूंदें हवा के दवाब से दूसरे आदमी को संक्रमित करती हैं.

अन्य समाचार