यात्री निवास को जम्मू नगरनिगम के कर्मचारियों ने सबसे पहले सैनिटाइज किया. यहां पर पहले क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया था जिसे अब खाली करवा लिया गया है. सूत्रों की इस बात को इसलिए भी मजबूत आधार मिल रहा है क्योंकि अमरनाथ यात्रा मार्ग पर तैनात होने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
यहां तक कि जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्रा के आधार शिविर में बनाया गया कोविड वेलनेस सेंटर भी बंद कर दिया गया है. यहां एक स्थायी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी है. इसी जगह पर देश के विभिन्न कोनों से आए श्रद्धालु ठहरते हैं. यहीं से श्रद्धालुओं का जत्था बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना होता है हालांकि, इस बार सिर्फ बालटाल मार्ग से ही यात्रा कराने की योजना है.
अमरनाथ यात्रा को लेकर भले ही अभी कोई तिथि तय नहीं की गई हो, लेकिन प्रशासन तैयारियां पूरी कर रहा है. यात्रा में सेवाएं-सुविधाएं देने वाले सभी विभागों से स्पष्ट कह दिया गया है कि वह पूरी तरह से तैयार रहें. अपनी तैयारियां पूरी कर लें सबसे अहम स्वास्थ्य विभाग से भी ऐसा ही कहा गया है. इसीलिए स्वास्थ्य विभाग अब जम्मू से कश्मीर भेजे जाने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के नामों को अंतिम रूप दे रहा है.
जम्मू में भी डॉक्टरों की तैनाती की तैयारियां हो रही हैं. कोरोना वायरस के चलते इस बार बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा अधिकतम पंद्रह दिनों की ही कराने की चर्चा है. विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्रदेश प्रशासन ने सभी विभागों को 20 जुलाई के बाद यात्रा कभी भी शुरू करने के संकेत दिए हैं. यह भी कहा गया गया है कि 21 से 23 जुलाई के बीच पहला जत्था जम्मू से रवाना हो सकता है.
हालांकि, अभी अंतिम तिथि विभागों को नहीं बताई गई है. मगर सभी तैयारियां पूरी रखने को कहा गया है.