मधुमेह से पीड़ित मरीजों का शरीर दूसरों की तुलना में अधिक कमजोर होता है जिस कारण उनमें कई और बीमारियों से घिर जाने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में इन लक्षणों पर ध्यान देकर इस गंभीर समस्या को जल्दी पहचाना जा सकता है।
मुंह में सुखापन: मधुमेह मरीजों के शरीर में जो तरल पदार्थ होता है वो ज्यादातर यूरिन फॉर्मेशन में यूज हो जाता है। इस कारण बॉडी की बाकी एक्टिविटीज के लिए नमी की कमी हो जाती है। ऐसे में हो सकता है कि इन मरीजों को ड्राय माउथ की प्रॉब्लम हो।
बार-बार प्यास लगना व पेशाब की इच्छा: आमतौर पर शरीर में जब ग्लूकोज किडनी के पास से गुजरता है तो बॉडी उसे री-अब्जॉर्ब कर लेता है। लेकिन डायबिटीज के कारण जब ब्लड शुगर का स्तर शरीर में बढ़ जाता है तो किडनी फिल्टर करने में असमर्थ हो जाती है। इस वजह से शरीर में सामान्य से अधिक मात्रा में यूरिन बनने लगता है। बार-बार पेशाब करने के कारण ज्यादा प्यास लगती है।
धुंधलापन: शरीर में मौजूद तरल पदार्थों का स्तर जब अनियमित होता है तो उसका असर आंखों में लगी लेंस पर भी पड़ता है और उसमें सूजन आ जाती है। इसी कारण डायबिटीज के मरीजों की नजर कमजोर या फिर उन्हें धुंधलापन की शिकायत हो सकती है।
भूख और थकान: जो भी लोग खाते हैं, शरीर उसे ग्लूकोज में परिवर्तित करता है। इसे सेल्स एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल करता है। हालांकि, सेल्स इस ग्लूकोज को एनर्जी के तौर पर तभी इस्तेमाल कर सकता है जब शरीर में इंसुलिन बने। इन मरीजों में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता इसी कारण शरीर ग्लूकोज को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है और उनमें एनर्जी की कमी हो जाती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अधिक थकान व भूख लगती है।