मानसून के मौसम में इन टिप्स की मदद से जुकाम-बुखार जैसी समस्या से बच्चों को बचाए

हाइजीन का ध्यान बारिश में शिशु के अतिरिक्त उसके आसपास सफाई रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है. नमी से बैक्टीरिया की प्रजनन क्षमता बहुत ज्यादा तेज हो जाती है.

शिशु के कमरे में पोछा लगाएं. घर के कूड़ेदान, कूलर, किचन का सिंक, गैस अच्छे से साफ करें. डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से बचने के लिए घर में और पानी न जमा होने दें. इन हिस्सों पर वायरस ज्यादा सक्रिय होते मानसून के मौसम में बैक्टीरिया व वायरस बेहद एक्टिव हो जाते हैं, इसलिए महत्वपूर्ण है कि आप बच्चों को गीला न होने दें. शिशु को बरसात के पानी में भीगने से बचाएं. इसके अतिरिक्त घर के बिस्तर, कपड़े, फर्श आदि को भी गीला होने से बचाएं. थोड़े-थोड़े समय में शिशु की नैपी/लंगोट चेक करते रहें. शिशु के दैनिक क्रिया के थोड़े समय में ही बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं व शिशु की गम्भीर स्कीन पर हमला कर सकते हैं. कई बार गीलेपन के कारण बच्चों को जुकाम-बुखार जैसी समस्या भी हो जाती है. यदि बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे पानी में खेलने, कपड़े गीले करने, पांव व सिर गीला करने से रोकें.

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