सहरसा। कोसी नदी में बारिश के पानी के बाद आई उफान से आसपास का इलाका जलमग्न हो जाता है। सहरसा जिले के अंतर्गत कोसी तटबंध का पूरा इलाका जल प्लावित हो जाता है। ऐसे में कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों में ताला लटक जाता है। कोसी तटबंध के अंदर स्थित स्कूलों में गर्मी के दिनों में छुट्टी नहीं दी जाती थी बल्कि बारिश के दिनों में जब पानी ऊपर आ जाता था तो स्कूल को एक महीने के लिए बंद कर दी जाती थी। लेकिन इस वर्ष तो कोरोनाकाल में ही पिछले चार महीनों से स्कूल बंद पड़ा हुआ है। बाढ़ आने या बारिश का पानी भरने के कारण वैसे भी स्कूल बंद ही रहेगा। कोसी तटबंध के अंदर करीब 300 से अधिक प्राइमरी और मिडिल स्कूल है। जबकि जिले में 1276 प्रारंभिक स्कूलों की संख्या है। कोरोना वायरस को लेकर जिले में पिछले 22 मार्च 20 से ही सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में ताला लटका हुआ है। अब अनलॉक-2 लगने के बाद भी पूरे जिले में स्कूल को बंद ही कर दिया गया है। कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों की स्थिति और भी बदहाल बनी हुई है।
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बच्चे प्राप्त कर रहे हैं आनलाइन शिक्षा :
कई महीनों से बंद पड़े स्कूल के नामांकित छात्र-छात्राओं को आनलाइन शिक्षा दी जा रही है। लेकिन इस शिक्षा से मुश्किल से 15 फीसद ही छात्र-छात्राओं को लाभ मिल रहा है। जिले में वर्ग एक से लेकर वर्ग आठ तक करीब सवा तीन लाख बच्चे नामांकित है जिसमें से करीब 30 हजार बच्चे ही आनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
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कोट
बाढ़ के समय स्कूल रहता है बंद
अभी तो कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए एहतियात तौर पर जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद है। बारिश के समय में तो बाढ़ जैसी स्थिति रहती है। इसीलिए कोसी तटबंध के अंदर अन्य दिन गर्मी की छुट्टी की जगह बाढ़ के समय में एक महीना की छुट्टी स्कूल में रहती है।
मनोज कुमार,
डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान
Posted By: Jagran
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