शुरु हो चुका है जया पार्वती व्रत ,आइये जानते है पौराणिक कथा

आप सभी को बता दें कि हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जया पार्वती व्रत शुरू होता है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि जया पार्वती व्रत शुक्रवार 3 जुलाई से शुरू होकर बुधवार 8 जुलाई को समाप्त होने वाला है। कहा जाता है इस दौरान मां पार्वती की पूजा-उपासना होती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे है इस व्रत की कथा जिसे आपको रोज सुनना या पढ़ना चाहिए।

जया पार्वती व्रत की कथा पौराणिक कथा - चिरकाल में कौडिन्य नगर में वामन नामक ब्राह्मण रहता था, जिसकी पत्नी का नाम सत्या था। दोनों बेहद खुश थे। हालांकि, दोनों की कोई संतान नहीं थी। एक दिन महर्षि नारद उनके आश्रम पर पहुंचे तो उन्होंने ब्राह्मण दंपत्ति को चिंतित देखकर उनकी चिंता का कारण जानना चाहा। तब उन्होंने संतान प्राप्ति के उपाय बताने को कहा। उसके बाद, नारद जी ने उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने की सलाह दें।
महर्षि नारद जी के वचनानुसार, उन्होंने शिव जी और माता पार्वती की पूजा की, लेकिन एक दिन ब्राह्मण वामन को मंदिर के सामने सांप ने डस लिया, जिससे वामन की मृत्यु हो गई। इसके पश्चात, सत्या रोने लगी और माता पार्वती को स्मरण करने लगी। सत्या की भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने ब्राह्मण वामन को पुनर्जीवित कर दिया। इसके बाद माता पार्वती ने दंपत्ति से वर मांगने को कहा। तब ब्राह्मण दंपत्ति ने पुत्र प्राप्ति की कामना की। उस समय माता पार्वती ने उन्हें जया पार्वती व्रत करने की सलाह दी। कालांतर में ब्राह्मण दंपत्ति ने विधि पूर्वक माता पार्वती की पूजा उपासना की, जिसके फलस्वरूप ने उन्हें पुत्र रत्न की हुई।

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