नई दिल्ली : वेट लॉस के लिए दही एक अच्छा फूड माना जाता है। यह शरीर के लिए हर तरह से फायदेमंद फूड है। खासकर गर्मियों में लोग दही को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करते हैं। जैसा कि लस्सी और छास, ये दोनों ही ड्रिंक्स दही से ही बनते हैं और हर किसी को पसंद आते हैं। दही एक अच्छा प्रोबायोटिक है जो गट बैक्टेरिया को बढ़ाता है। अलग-अलग तरीकों से दही रायता, लस्सी और छाछ के रूप में हमारी थाली में परोसा जाता है।
लेकिन अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि वेट लॉस के लिए दही से बनी छास पीनी चाहिए या लस्सी। आइए जानते हैं क्या है बेहतर वेट लॉस के लिए- छास और लस्सी दोनों ही ड्रिंक्स दही से ही बनते हैं। जहां, छास या बटरमिल्क (Buttermilk benefits) में बहुत कम मात्रा में दही मिलाया जाता है। वहीं, इसमें पानी, नमक, काला नमक और पुदीने की चटनी जैसी अन्य चीज़ें भी मिलायी जाती हैं। ताकि, छास का स्वाद बढ़ जाए।
छास पीने से विटामिन सी और प्रोबायोटिक्स की अच्छी मात्रा प्राप्त होती है। इसीलिए, इसका सेवन हर भोजन के बाद किया जा सकता है। इसी तरह हर उम्र के लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। वहीं लस्सी बनाते समय दही में बहुत कम मात्रा में पानी मिलाया जाता है। वहीं स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शक्कर, केसर, मैपल सिरप और पेड़े जैसी मीठी चीज़ें मिलायी जाती हैं। वजन घटाने के लिए निश्चित रूप से छाछ (Chaach) को ही बेहतर बताया जाता है।
क्योंकि, लस्सी में मीठी चीज़ें मिलायी जाने की वजह से वह हाई-कैलोरी ड्रिंक बन जाती है। जबकि, इसमें मौजूद शक्कर डायबिटीज़ और वेट लॉस डायट के लिए अच्छी नहीं मानी जाती। जबकि, छाछ एक लो-कैलोरी ड्रिंक होने के साथ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। लस्सी पीने से पेट की समस्याएं कम होती हैं। इससे तुरंत एनर्जी मिलती है और पेट भी भरता है। लस्सी या छास पीने से कैल्शियम, विटामिन बी12, ज़िंक और प्रोटीन प्राप्त होती है। इनसे, एसिडिटी और हार्टबर्न जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।