जयपुर
जयपुर के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी ने सिर में गांठ के चलते पीड़ित एक महिला मरीज का एक जटिल ऑपरेशन कर जान बचाने में सफलता पाई है।
जानकारी के अनुसार मूर्ति देवी (उम्र 62 वर्ष) निवासी छतरपुर गांव तहसील नदबई जिला भरतपुर की रहने वाली है। यह महिला मरीज, जो कि करीब पिछले 8 माह से सिर की समस्या से पीड़ित थी।
परिजनों ने बताया कि मरीज को चलने-फिरने में दिक्कत रहती थी, उल्टी होती थी, चक्कर आते थे। जिसकी वजह से उसे 8 माह पूर्व एक चिकित्सक को दिखाया।
पेशेंट की जांचे करवाने के बाद मरीज को टीबी की दवाइयां दी गईं, ताकि ब्रेन में मौजूद टीबी की गांठ जैसी दिखने वाली चीज ठीक हो सके और मरीज ठीक हो जाए।
लेकिन टीबी के 8 महीने तक चले इलाज के बाद भी टीबी जैसी दिखने वाली गांठ ठीक नहीं हुई और मरीज की हालत पिछले डेढ़ माह में बिगड़ती चली गई। अभी 10 दिन पूर्व हालत यह हुई कि मरीज बेहोशी की अवस्था में जयपुर अस्पताल में भर्ती हुई।
उसके परिजनों ने न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी को दिखाया। महिला मरीज को तुरंत नए सिरे से सारी जांचें करवाई गईं। एमआरआई की जांच में पता चला कि मरीज के सेरेबिलर हिस्से में एक काफी बड़ी गांठ है।
डॉ. चौधरी ने उस गांठ को देखने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि टीबी की दवाइयों से मिटने वाली नहीं है, अतः इसका ऑपरेशन किया जाए। मरीज का ऑपरेशन करना था, किन्तु उसमें थोड़ी रिस्क भी थी।
परिजनों के तैयार होने पर मरीज का ऑपरेशन किया गया। यह जटिल ऑपरेशन 5 घंटे चला और नसों के गुच्छे के रूप में मौजूद गांठ या ट्यूमर मरीज के सिर में से निकाल दिया गया।
ऑपरेशन के दो-तीन दिन के अंदर ही मरीज होश में आ गई और अभी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।
मरीज बढ़िया खाना-पीना खा रही है, वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है और मरीज ने अब चलना-फिरना भी वापस चालू कर दिया है। गुरुवार को उसकी अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई है।