लंदन, 2 जुलाई (आईएएनएस)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कहा है कि हांगकांग में चीन द्वारा एक नए सुरक्षा कानून को लागू किया जाना, 1984 में हस्ताक्षरित चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा का एक स्पष्ट और गंभीर उल्लंघन है। यह संयुक्त घोषणा इस क्षेत्र को 1997 में चीन को सौंपने पर इसके संक्रमणकाल को सुचारु करने के लक्ष्य के साथ की गई थी।
ब्रिटेन का मानना है कि चीन का कदम हांगकांग की स्वायत्तता का उल्लंघन करता है, संयुक्त घोषणा द्वारा संरक्षित स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए खतरा है और क्षेत्र के बुनियादी कानून व इसके लघु-संविधान के साथ सीधे टकराव में है।
जानसन ने बुधवार को मीडिया से कहा, हमने स्पष्ट कर दिया है कि अगर चीन इसी रास्ते पर बना रहा तो हम ब्रिटिश नेशनल-ओवरसीज (बीएनओ) की स्थिति वाले लोगों को ब्रिटेन में प्रवेश करने के लिए एक नया मार्ग पेश करेंगे। यह इन्हें सीमित समय तक ब्रिटेन में रहने और काम करने का अधिकार प्रदान करेगा। इसके बाद यह नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। ठीक यही काम अब हम करेंगे।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने चीन के इस कदम को एक गंभीर और गहन रूप से परेशान करने वाला बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, हांगकांग के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करेगा।
राब ने सांसदों से कहा, हम बीएनओ को काम या अध्ययन के अधिकार के साथ रहने के लिए पांच साल की सीमित अवधि देंगे। इन पांच वर्षों के बाद, वे स्थायी स्थिति के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके 12 महीने बाद वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह अभी पैदा हुई अनोखी परिस्थिति के कारण बनाई गई एक विशेष व्यवस्था है।
राब ने इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया कि इस महीने विदेश कार्यालय द्वारा पेश किए जाने वाले नए कानून में चीन या चीनी अधिकारियों पर किसी प्रतिबंध की कोई योजना है या नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देश भी हांगकांग के नागरिकों को शरण देने की पेशकश करेंगे।
उन्होंने कहा कि चीन ने अपने ही कानूनों के तहत हांगकांग के लोगों से किए गए अपने वादे को तोड़ दिया है। चीन ने संयुक्त घोषणा के तहत ब्रिटेन से संबद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन किया है।
1984 में तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री झाओ जियांग और ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर द्वारा हस्ताक्षरित एक राष्ट्र, दो व्यवस्था समझौते के तहत हांगकांग को स्वायत्तता की गारंटी दी गई थी। यह स्वायत्तता चीन के नए सुरक्षा कानूनों के कारण खतरे में है।
-आईएएनएस