नई दिल्ली : मानसून के आने से गर्भवती महिलाओ की बहुत सी समस्या अपने आप भी दूर हो जाती है। उल्टी का कम होना, जी मिचलाना, घबराहट होना आदि लेकिन इस समय सावधानी रखने की भी खास जरूरत होती है। थोड़ी सी भी लापरवाही से समस्याओं का सामना भी करना पड सकता है। क्योंकि बारिश की वजह से हर तरफ नमी होती है और बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते है। कई तरह की बीमारियां भी सबसे ज्यादा फैलती है, जो महिला और उसके शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
ऐसे में गर्भवती महिलाओ को अपने खान पान की स्वच्छता का विशेष ध्यान देना चाहिए। बाहर का कुछ भी खाने से पहले ध्यान देना चाहिए की वो स्वच्छ है भी या नहीं। इस मौसम में गर्भवती महिला को जरूरी विटामिन, खनिज, कैल्शियम, प्रोटीन और कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इस मौसम में खाने-पीने में की गई लापरवाही आपकी तबीयत खराब कर सकती है। इस मौसम में सक्रामक रोग होने का खतरा होता है, तो आईये जाने कुछ ऐसे टिप्स के बारें में जिसे अपनाकर इस मानसून से सुरक्षित रह सकती है।
पीने के पानी की स्वच्छता के मामले में यदि कोई असावधानी होती है, तो कई तरह के रोग शरीर को घेरने में देर नहीं लगाते। ज्यादातर चिकित्सकों का भी यही कहना है कि गर्भवती महिलाओं को स्वच्छ पानी ही पीना चाहिए। मानसून में दूषित जल से कई बीमारियों का खतरा होता है। इसलिए हमेशा फ़िल्टर वाला पानी ही पिएं । प्रेगनेंसी में महिलाओ को डीहाईड्रेशंस की समस्या भी आम होती हैं।
इसलिए खूब पानी पिए, थोड़ी थोड़ी देर में कई बार में पानी पिए। मानसून के दौरान गर्भवती महिलाओ को बाहर का स्ट्रीट फ़ूड नहीं खाना चाहिए। दूषित स्ट्रीट फूड से इन्फेक्शंस का खतरा बढ़ जाता है। जहां तक हो सके स्ट्रीट फ़ूड से दूर रहें, गर्भावस्था में इम्यूनिटी आमतोर पर सामान्य से कम हो जाती है। इसलिए महिलाएं बड़ी आसानी से इन्फेक्शन का शिकार हो जाती हैं, प्रेगनेंसी के दौरान ताजे फ्रूट्स और घर का बना ताजा खाना ही खाना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपनी घर की सफाई का भरपूर खयाल रखना चाहिए।
बाथरूम साफ़ करने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाले कीटाणु नाशक का प्रयोग करें। इस मौसम में कीटाणु जल्दी फैलते हैं। इसलिए अपने घर को साफ सुथरा रखना चाहिए। इस समय आप आसानी से किसी भी इन्फेक्शन की चपेट में आ सकती है। जो आपके और शिशु के लिए घातक साबित हो सकती है। वैसे तो प्रेगनेंसी में महिला को हर काम बहुत सावधानी से करना चाहिए क्योकि जरा सी भी लापरवाही बरतने से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बारिश के गंदे पानी से इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है, इसलिए आपको अपने हाथ और पैरों की सफाई का भी खास ख्याल रखना चाहिए।
सारे काम हाथों से शुरू होते हैं। इसलिए उसका साफ रहना बहुत जरूरी है ताकि वो गंदगी पेट में जाकर बच्चे को नुकसान ना पहुचाएं। बाहर से आने के बाद हमेशा हाथ और पैरो को धोएं और कही बाहर आने जाने पर हैण्ड सेनिटैजेर भी साथ रखें। भूलकर भी नंगे पाव बाहर ना जाएं। रबड़ के जूते पहनने से आप फिसल सकती है तो हमेशा अच्छी ग्रिप वाले और आरामदायक जुते ही पहनें।
मानसून के दौरान हवा में नमी के कारण, बारिश के बाद आद्रता बढ़ने लगती है। जिससे ज्यादा पसीना आता है। गर्भवती महिलाओ में ज्यादा पसीना आने से डीहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसीलिए ढीले ढाले आरामदायक कपडे पहनें। सिंथेटिक कपडे पहनने से भी ज्यादा पसीना आ सकता है, इसीलिए ज्यादा सिंथेटिक कपडे पहनने से बचे।