सहरसा। जिले के 105669 बच्चों को जापानी इंसेफ्लाइटिस यानि जेई से बचाव को टीका लगाया गया। जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक मे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया कि जेई एक गंभीर बीमारी है। इसकी रोकथाम में जेई टीका महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसलिए जिले के सभी 10 प्रखंडों में जेई टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। जिसमें 01 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के सभी छूटे हुये बच्चों को खोजकर जेई का टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया यह अभियान 17 जून से शुरू हुआ है जो 15 जुलाई तक चलेगा। अभी तक कुल 105669 बच्चों को टीका लगा प्रतिरक्षित किया गया है। जेई टीकाकरण अभियान में पाथ, युनिसेफ, केयर डंडिया, डब्ल्यूएचओ इत्यादि संस्थायें सहयोग कर रही है। इस अवसर पर पाथ के जिला समन्वयक मोहम्मद नौशाद अली ने बताया यह बीमारी 15 साल तक के बच्चों को बहुत अधिक प्रभावित करता है। बच्चों में बुखार आने के किसी भी मामले को नजरअंदाज नहीं करने के लिए उन्होंने अपील की है। बताया गया कि जापानी बुखार मच्छर के काटने से होता है। बुखार होने के साथ बच्चे को उल्टी होती है, उसके सिर में दर्द होता है। उसके सोचने समझने व सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। इस बीमारी का प्रकोप अगस्त से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक रहता है। बैठक में यूनिसेफ एसएमसी बनटेश नारायण महेता, मजहरुल हसन, यूएनडीपी के मोहम्मद खालिद, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि सूरज कुमार, पाथ के जिला समन्वयक मोहम्मद नौशाद अली, जिला प्रतिरक्षण कार्यालय के कर्मी दिनेश कुमार दिनकर, प्रमोद कुमार तथा अन्य, स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
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Posted By: Jagran
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