मंगलमूर्ति श्री गणेश जी सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं, कहा जाता है की इनका ध्यान करने मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती है। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्यों को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी का न सिर्फ आवाहन किया जाता है बल्कि उनकी विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है। अगर आप अपने सभी विघ्नों, बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं तो बुधवार के दिन ये उपाय आजमाकर देखें।
नारद पुराण के मुताबिक गणेश जी के 12 नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। नारद पुराण में वर्णित श्रीगणेश जी के इन 12 नामों का बुधवार के दिन सुबह-शाम 108 बार जप करने से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेश जी के इन बारह नामों का ध्यान करने से भगवान गौरी नंदन गणेश अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसलिए अगर आप गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो अपने घर के ही पूजा में विधि-विधान से गणेश पूजा करें और उनके बारह नामों का 108 बार जप करते हुए ध्यान करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं।
एक अमरूद का पौधा लेकर श्री गणेश के मंदिर में जाएं। मंदिर में श्री गणेश के चरणों में देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद अमरूद के पौधे को घर में लाकर किसी मिट्टी के गमले में लगा दें। आने वाले दिनों में इस पौधे की देखभाल करें, समय से पानी दें और सूखने न दें। जैसे ही इस पौधे पर पहला फल आए तो उस फल को श्री गणेश के मंदिर में अर्पित कर दें। ऐसा माना जाता है कि फल का चढ़ावा करने के बाद गणपति जी जातक के सभी दुख खत्म कर देते हैं। मान्यता है कि जब तक पौधे पर फल नहीं आते हैं, तब तक ही जातक को धन की समस्या रहती है। जैसे ही वह पहला अमरूद श्री गणेश के चरणों में चढ़ाता है, उसके आने वाले समय के सभी कष्ट खत्म होने लगते हैं।
मान्यता के मुताबिक बुधवार को विध्नहर्ता यानी भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन 'गं हं क्लौं ग्लौं उच्छिष्टगणेशाय महायक्षायायं बलिः' मंत्र के जाप से सारे कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी हो जाती है।