कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। चीन से निकले इस खतरानक वायरस से अब तक 10,471,931 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 509,691 लोगों के मौत हो गई है और यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
कोरोना संकट के बीच चीन के वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में इन्फ्लूएंजा वायरस के एक प्रकार की पहचान की है। इस वायरस को 'जी 4' नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह वायरस चीन में सूअरों को संक्रमित कर रहा है और जिससे महामारी फैलने की संभावना है।
इस वायरस में स्वाइन फ्लू के समान जीन होते हैं, जो 2009 के फ्लू महामारी का कारण बना था। यह बात अमेरिकी विज्ञान पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आई है।
जी-4 फ्लू वायरस क्या है (What is G4 flu virus)
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने सूअरों में इन्फ्लूएंजा वायरस की निगरानी के माध्यम से वायरस की पहचान की जो उन्होंने चीन के दस प्रांतों में 2011 से 2018 तक चलाया था। इस समय के दौरान 29,000 से अधिक सूअरों से नेजल स्वैब लिए गए और 1,000 से अधिक सूअरों के फेफड़े के ऊतकों से स्वैब लिए गए जिनमें श्वसन रोग के लक्षण थे।
शोधकर्ताओं ने इन नमूनों में से 179 स्वाइन फ्लू वायरस को अलग किया, जिनमें से अधिकांश नए पहचाने गए जी-4 स्ट्रेन के थे। उन्होंने यह भी पाया कि जी-4 स्ट्रेन में मानव-प्रकार के रिसेप्टर्स (जैसे, एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस मनुष्यों में एसीई 2 रिसेप्टर्स से बांधता है) को बांधने की क्षमता है, जो मानव वायुमार्ग की एपिथेलियल सेल्स में खुद को कॉपी करने में सक्षम था और यह प्रभावी दिखा।
सूअरों पर अध्ययन क्यों हुआ?
वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार यह नया स्ट्रेन एच1एन1 स्ट्रेन से उतरा है, जो 2009 में फ्लू महामारी का कारण बना था। सूअर महामारी इन्फ्लूएंजा वायरस की पीढ़ी के लिए जिम्मेदार हैं। इस प्रकार सूअरों में इन्फ्लूएंजा वायरस की उपस्तिथि अगली महामारी की पूर्व चेतावनी है।
क्या 4-जी वायरस इंसानों में फैल सकता है?
हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि यह नया वायरस सूअरों से मनुष्यों में संचरित होने के बाद व्यक्ति से व्यक्ति में संचारित हो सकता है या नहीं। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि सूअरों में इस वायरस को नियंत्रित करना और ऐसे इलाकों को सुरक्षित करना जरूरी हैं, जहां सूअर पाए जाते हैं।
4-जी वायरस के लक्षण (Symptoms of G4 flu virus)
विभिन्न प्रयोगों स्दिय्खाम्यामे पाया गया है कि जी-4 वायरस कुशलता से फेरेट्स को संक्रमित कर सकता है, जिससे उनमें छींकने, घरघराहट, खांसी और वजन कम होने जैसे गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। फेरेट्स मनुष्यों को बुखार, खांसी और छींकने के समान लक्षणों का अनुभव करते हैं, और व्यापक रूप से फ्लू अध्ययन के प्रयोगों के अधीन हैं।
जी 4 वायरस के खिलाफ कोई प्रतिरक्षा नहीं
परीक्षणों ने यह भी साबित कर दिया कि अन्य मानव इन्फ्लूएंजा वैक्सीन उपभेदों से प्राप्त किसी भी पहले से मौजूद प्रतिरक्षा के कारण मानव अत्यधिक संक्रामक जी-4 वायरस से सुरक्षित नहीं हैं। अध्ययन में कहा गया है कि वायरस के लिए कोई पहले से मौजूद जनसंख्या प्रतिरक्षा नहीं है।