सहरसा। इन दिनों हुई बारिश व कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी व कमी से एकबार फिर तटबंध के बीच बसे लोगों को विस्थापन का भय सताने लगा है। तटबंध के अंदर बसे हजारों की आबादी की बेचैनी बढ़ गई है। तटबंध के भीतर बसे हजारों पीड़ित बाढ़ की संभावना को देखते हुए अभी से विस्थापन की तैयारी में जुट गए हैं।
15 जून से कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने लगता है। मानसून आते ही कोसी तटबंध के भीतर रहने वाले लोग सहम जाते हैं। महिषी प्रखंड के तिलरथ यादव, प्रमोद कुमार ने कहा कि तटबंध के अंदर रहने वाले लोग बाढ़ की संभावना को देखते ही सहम जाते हैं। खेती-बाड़ी चौपट हो जाती है। खासकर छोटे-छोटे बच्चे व बुजुर्गों को लेकर चिता बढ़ गई है। माल मवेशी के चारे एवं जहरीले जीवों का डर सताने लगा है। जानकारी के अनुसार जिले के महिषी, नवहट्टा, सिमरीबख्तियारपुर, सलखुआ, बनमाईटहरी प्रखंड बाढ़ से प्रभावित होता है। कुल 113 गांव पूर्ण रूपेण व 30 गांव आंशिक रूप से प्रभावित होता है। हालांकि प्रशासन ने बाढ़ को लेकर पुख्ता इंतजाम किया गया। डीएम द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी कर तटबंध की सुरक्षा को लेकर निर्देश जारी किया था। जिसपर कार्य हो चुका है। बाढ़ आश्रय स्थल को दुरुस्त कर लिया गया है व नाव का पंजीयन किया जा रहा है।
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Posted By: Jagran
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