सहरसा। वर्षों से एक कमरे में चल रहे एससी-एसटी और महिला थाना के दिन बहुरने वाले हैं। दोनों थानों के भवन का निर्माण किया जाएगा। इस पर तीन करोड़ 71 लाख की लागत आएगी। इसके लिए टेंडर निकाला जा चुका है। इस भवन में आवास और बैरक की भी सुविधा दी जाएगी।
जिला मुख्यालय में स्थापित महिला और एससी-एसटी थाना सिर्फ एक कमरे में चल रहे थे। हाजत नहीं रहने के कारण किसी वारंटी या आरोपित की गिरफ्तारी होने के बाद उन्हें सदर थाना के हाजत में या अन्य थानों में रखना पड़ता था। यही नहीं पुलिस कर्मियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। आलम यह था कि एक ही कमरे में थानाध्यक्ष, मुंशी से लेकर सभी पदाधिकारी बैठते थे, लेकिन अब इन थानों का स्वरूप बदलने वाला है।
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार के प्रस्ताव पर सरकार ने स्वीकृति प्रदान करते हुए दोनों थाना का भवन बनाने के दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस भवन निर्माण विभाग द्वारा इसका टेंडर निकाला जा चुका है। लगभग चार हजार वर्ग फीट में दोनों थानों का भवन एक फ्लोर पर रहेगा। इसके अलावा आवास की व्यवस्था भी की गई है। जी प्लस टू भवन में आंगतुक के बैठने से लेकर ओडी पदाधिकारी के लिए एवं सिरिस्ता के लिए अलग-अलग कमरा होगा। वहीं दूसरी ओर बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा ही सरहसा एवं मधेपुरा के राजकीय पालिटेक्निक में वर्ग कक्ष, लैब आदि का निर्माण कराया जाएगा। मधेपुरा में दो करोड़ 57 लाख एवं सहरसा में दो करोड़ 56 लाग की लागत से पोर्टबुल गार्डन बनाया जाएगा। जिसमें विद्यार्थियों की सभी तरह की सुविधा मिल पाएगी।
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कोट भवन निर्माण को लेकर टेंडर निकाला जा चुका है। टेंडर फाइनल होने के बाद जल्द कार्य शुरू हो जाएगा।
रामसकल सिंह, कार्यपालक अभियंता, बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग, पूर्णिया
Posted By: Jagran
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