लखीसराय । सोमवार को स्थानीय आर. लाल महाविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लखीसराय द्वारा राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन किया गया। छात्र विरोधी निर्णय को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। विगत 30 दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एसटीईटी की परीक्षा रद्द करने व लॉकडाउन की अवधि में छात्रों के रूम रेंट व शिक्षण शुल्क माफ नहीं करने तथा स्थानीय शैक्षणिक मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे अभाविप लखीसराय के जिला संयोजक मनीष यदुवंशी ने कहा कि विगत 15 सालों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था आइसीयू में चली गई है। प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों तक में न संसाधन है और न ही शिक्षक है। उसके बाद भी एसटीईटी 2020 की परीक्षा के बिना रिजल्ट के रद्द कर दिया गया। श्री यदुवंशी ने कहा कि जब तक बिहार की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित नहीं किया जाएगा तब तक अभाविप लगातार रचनात्मक आंदोलन जारी रखा जाएगा। प्रदेश कार्यकारिणी परिषद सदस्य प्रेम किशन कुमार ने कहा कि गैर-जिम्मेदाराना, दोषपूर्ण कार्यशैली, संवेदनहीन व छात्रविरोधी सरकार को आम छात्रों की समस्याओं का निवारण करना ही होगा। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए। आंदोलन में नगर सहमंत्री गणेश, नगर सहमंत्री सतीश कुमार, नगर सहमंत्री मौसम यादव, मोनू कुमार, अमित कुमार, रजनीश कुमार, मंटू कुमार, बिट्टू कुमार, संतोष कुमार,कुमार सानू सिन्हा, धर्मवीर, धीरज सहित दर्जनों विद्यार्थी उपस्थित थे।
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Posted By: Jagran
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