मधेपुरा। खाद्यान्न कालाबाजारी करने के मामले में पीडीएस डीलरों पर सख्त कार्रवाई नहीं होने से डीलरों की मनमानी बढ़ती ही जा रही है। प्रखंड क्षेत्र के मानपुर गांव के वार्ड नंबर नंबर चार के जन वितरण प्रणाली दुकानदार विश्वनाथ साह के दुकान से करीब 120 बोरी अनाज कालाबाजारी के लिए बेचा जा रहा था। ट्रैक्टर पर लोड अनाज को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले किया। लेकिन ग्रामीणों के द्वारा पकड़े गए अनाज को एमओं के द्वारा आनन फानन में जांच निजी अनाज बता कर मामले की लीपापोती कर दी। एमओ के द्वारा इस तरह से डीलर का पक्ष लेने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जानकारी के अनुसार डीलर के यहां से कालाबाजारी के लिए ले जाए जा रहे अनाज की जांच को लेकर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार गुप्ता ने एमओ से जांच कर मामले को स्पष्ट करने को कहा था। एमओ ने जांच कर लिखित रूप से दिए रिपोर्ट पकड़े गए अनाज को निजी अनाज बताकर जब्त अनाज को छोड़ने की बात कही। एमओ ने कहा कि जब्त गेहूं डीलर विश्वनाथ साह के भाई रामदेव साह का है। इसलिए गेहूं रामदेव साह को वापस दिया जाय। लेकिन ग्रामीण मदन यादव, बलदेव ऋषिदेव, बेचन ऋषिदेव, राजेन्द्र मंडल, धनिक लाल मंडल, विश्वनाथ यादव, रामदेव यादव ने एमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीलर से मिली भगत कर रिपोर्ट बनाया गया है। मामले की लीपापोती होते देख एमओ के कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की है। ग्रामीणों ने कहा कि डीलर प्रत्येक लाभार्थी को कम राशन देता है। इस बात की शिकायत कई बार की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीण ने यह भी बताया कि थाना में गेहूं से लदा ट्रैक्टर को हमलोग पकड़ कर थाने में दिया था। लेकिन अनाज को छोड़ते वक्त कोई सूचना नहीं दी गई।
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Posted By: Jagran
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