नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) कोरोनावायरस खतरे के कारण गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने जा रही है और इस बीच दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने इस बात पर चर्चा की कि कोविड-19 के बीच लार के प्रतिबंध का क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा, खासकर टेस्ट में।100 एमबी साइट पर एक वीडियो पोस्ट की गई है, जिसमें ब्रेट ली ने सचिन के साथ बातचीत के दौरान कहा, यह एक मुश्किल फैसला है क्योंकि यह कुछ ऐसा है, जिसे हमने अपने पूरे जीवन के दौरान किया है। आठ-नौ साल की उम्र से ही हमें गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। इसलिए, अगर अचानक आपको कुछ अलग बताया जाएगा है तो आप वैसा नहीं कर सकते। इस पर पॉलिश करना बहुत मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में गेंदबाजों के लिए यह काफी कठिन होगा। ली ने कहा कि ऐसे में अधिक स्पोर्टिग विकेट बनाने की जरूरत होगी जो गेंजबाज और बल्लेबाज को समान रूप से मदद करे।
ब्रेट ली ने कहा, मैं हरी पिच की बात नहीं कर रहा हूं, जहां पर टीम 130 या उससे ज्यादा पर आल अाउट हो जाती है। लेकिन, आपको तेज गेंदबाजों के लिए कुछ तो करने की जरूरत है।
भारत के महान बल्लेबाज सचिन ने कहा कि आईसीसी एक टेस्ट पारी में 50 ओवरों के बाद दूसरी नई गेंद का इस्तेमाल करने के बारे में सोच सकती है।
अभी 80 ओवर के बाद गेंद बदली जाती है।
सचिन का मानना है कि ठंडे मौसम में जब खिलाड़ी ज्यादा पसीना नहीं बहाते हैं, तो गेंद को चमकाना ज्यादा मुश्किल हो जाएगा और गेंदबाजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह होगा।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, गेंद को चमकाने के लिए लार की गैर मौजूदगी में प्रत्येक पारी में कुछ निश्चित मात्रा में मोम का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए।