जिला मुख्यालय स्थित शिक्षा विभाग के सभागार में सोमवार को डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जिले में संचालित प्राइवेट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व प्रबंधकों के अलावा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में स्कूलों में नामांकित बच्चों के लगने वाले शुल्क को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लॉकडाउन अवधि का वार्षिक शुल्क समानुपातिक दर से कम करते हुए शेष शुल्क अधिकतक दो किश्तों में लिया जाएगा। निजी विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन अवधि यानी तीन माह का वाहन यातायात शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी निजी विद्यालय अप्रैल व मई माह का मासिक ट्यूशन शुल्क 30 प्रतिशत माफ करेंगे। सभी निजी विद्यालय किसी भी अभिभावक द्वारा समय से शुल्क जमा नहीं करने की स्थिति में किसी प्रकार का कोई विलंब शुल्क नहीं लेंगे। वहीं किराए पर संचालित निजी स्कूलों के किराया का निर्धारण करने के लिए एसडीएम भभुआ व मोहिनयां मकान मालिक से बात करेंगे। साथ ही डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी प्रकार का शुल्क जमा नहीं करना नामांकन रद्द करने का आधार नहीं होगा। इसलिए कोई भी निजी विद्यालय निर्धन या परिस्थितिवश समय से शुल्क जमा नहीं करने के कारण किसी भी छात्र का नामांकन रद्द नहीं करेंगे।
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Posted By: Jagran
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