शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय बहुत ज्यादा अच्छा होती है। ये आपको कई रोगों से लड़ने की क्षमता देती है। कोरोना वायरस से बचने के लिए आपके भीतर इम्युनिटी का होना महत्वपूर्ण है।
इसलिए महत्वपूर्ण है कि प्रतिदिन आप निश्चित मात्रा में गिलोय का सेवन करें। गिलोय के जूस का नियमित सेवन करने से बुखार, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, पेट में कीड़े होने की समस्या, रक्त में खराबी, लो ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारियों, टीबी, पेट के रोग, डायबिटीज व स्किन की बीमारियों से राहत मिल सकती है। गिलोय भूख भी बढ़ाती है।
इन रोगों में फायदेमंद
-डायबिटीज के ऐसे मरीज जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज की समस्या है, उन्हें गिलोय के सेवन से बहुत ज्यादा लाभ होगा।
-गिलोय के नियमित सेवन से रयूमेटाइड आर्थराइटिस में राहत मिलती है।
-बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी इम्यूनिटी निर्बल है। गिलोय हेल्दी कोशिकाओं को मेंटेन करती है व शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
-गिलोय स्ट्रेस लेवल को भी कम करने में अच्छा है।
-ऐसे लोग जिन्हें Chronic Fever है। उनके लिए गिलोय बेहद लाभकारी होती है। ये ब्ल्ड प्लेटलेट्स को बढ़ाने व जानलेवा बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं।
-गिलोय अस्थमा को भी अच्छा करती है। अस्थमा के रोगियों को गिलोय की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है।
-सांस लेने से जुड़ी समस्याएं जैसे सर्दी-जुकाम, टॉन्सिल, कफ आदि गिलोय के सेवन से सरलता से अच्छा हो सकती है।
20 एमएल (ml) से ज्यादा नहीं
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है। लेकिन आप आयुर्वेद के चिकित्सक की सलाह के बिना इसका सेवन न करें। दिन में गिलोय की 20 gm मात्रा का सेवन किया जा सकता है। वहीं अगर गिलोय का जूस पी रहे हैं तो इसकी मात्रा 20 एमएल (ml) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।