Chanakya Niti Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में बड़े ही प्रभावशाली ढंग से बताया है कि किस व्यक्ति का विश्वास करना और किसका नहीं. चाणक्य के अनुसार विश्वासघात विष के समान है. जब व्यक्ति का विश्वास टूटता है तो बहुत कष्ट होता है. ये कष्ट इतना गहरा होता है कि कभी कभी समय भी इस कष्ट के घाव को नहीं भर पाता है.
चाणक्य का मानना है कि संबंध बनाते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. भौतिकवादी युग में जब हर चीज के पीछे कोई स्वार्थ छिपा होता है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि कोई भी संबंध बनाएं तो पहले कई बार विचार जरुर करना चाहिए. जल्दबाजी में किया गया फैसला हर बार सफल नहीं होता है. इसलिए रिश्ता तय करते समय और मित्र बनाने से पहले हर पहलू पर मंथन कर लेना चाहिए. संबंध बनाते और मित्रता करते समय यदि ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है. विश्वास घात से बचना है तो चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए-
दुष्ट न करें कभी मित्रता मित्रता सदैव सामने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व को परखने के बाद ही करनी चाहिए. दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति से कभी भी मित्रता नहीं करनी चाहिए. दुष्ट व्यक्ति कितनी ही मीठी बात करे कभी उसकी बातों नहीं आना चाहिए. क्योंकि जिस प्रकार से शेर हिंसा करने से बाज नहीं आ सकता है उसी प्रकार से दुष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी आदत को नहीं छोड़ सकता है.
स्वार्थी लोगों से दूर रहें व्यक्ति को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो सिर्फ लाभ लेने के लिए संपर्क करते हैं. ऐसे व्यक्ति सदैव धोखा देते हैं. क्योंकि ऐसे लोगों का एक ही लक्ष्य होता है लाभ हासिल करना जब लाभ मिलना बंद हो जाता है तो यही लोग साथ छोड़ने में सबसे आगे होते हैं.
Chanakya Niti: इन 5 चीजों से व्यक्ति को हमेशा दूर रहना चाहिए, जीवन हो जाता है बर्बाद