मधेपुरा। अंडा में इम्यून पावर अधिक है। इसे विशेषज्ञों ने भी बार-बार कहा है। कोरोना से जंग में इसे बेहतर हथियार बताया गया है। इसके बावजूद अंडे की बिक्री भी लॉकडाउन से पहले की अपेक्षा काफी गिर चुकी है। एक समय तो ऐसा था कि दर में 30 से 35 प्रतिशत की कमी किए जाने के बावजूद बिक्री नहीं थी। लॉकडाउन में अंडे की दुकानों को बिक्री के लिए खोले जाने के बाद थोड़ी राहत मिली। लॉकडाउन में जिस समय अंडे की बिक्री भी अन्य चीजों के साथ प्रतिबंधित थी उस समय दर कमी नीचे चला गया था। जब लॉकडाउन में ढील देते हुए अंडे की बिक्री का आदेश निकला तब बिक्री होनी प्रारंभ हुई। अब जिला मुख्यालय एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह के उपभोक्ता वस्तुओं की दुकानें खोले जाने के बाद बिक्री में तेजी आ गई है। इसके साथ ही अंडे के थोक मूल्य में भी तेजी आ गई है। यद्यपि खुदरा विक्रेताओं द्वारा अब भी पूर्व की ही तरह छह रुपये प्रति पीस की दर से अंडे को उबाल कर बेचा जा रहा है। लॉकडाउन से तब ठप था व्यवसाय 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से दुकान लगातार बंद रही। 22 को जहां जनता कर्फ्यू रहा। वहीं 23 व 24 मार्च को राज्य सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण दुकान बंद रही। इसके बाद तो 25 अप्रैल से देशव्यापी लॉक डाउन ही रहा। मार्च में लॉक डाउन के समय अंडे के दर में काफी गिरावट आ गई थी। थोक में 800 रुपये कार्टून बिकने वाला अंडा की दर उस समय छह सौ रुपये प्रति कार्टून हो गई थी। बाद में जब अंडे की बिक्री की अनुमति मिली तो दर बढ़कर आठ सौ रुपये प्रति कार्टून तक आ गई। लेकिन अब लॉकडाउन के पहले से भी दर अधिक हो गया है। अभी 840 रुपये प्रति कार्टून अंडा थोक विक्रेताओं द्वारा बेची जा रही है।
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Posted By: Jagran
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