एक केटोजेनिक आहार शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। यह आहार शरीर में कार्बोहाइड्रेट व शर्करा के सेवन को सीमित करने का कार्य करता है। जिसे किटोसिस भी बोला जाता है। शरीर ऊर्जा के लिए कार्बोहाइड्रेट पर निर्भर होने के बजाय, कटोसिस में संग्रहित वसा से यकृत बनाने वाले केटोन शरीर में प्रवाहित करता है।
एक सदी पहले इस आहार को खासतौर पर मिर्गी के उपचार के लिए विकसित किया गया था। लेकिन हाल ही के दशकों में वजन घटना में यह आहार लोकप्रियता हासिल कर रहा है। साथ ही, सामान्य स्वास्थ्य व आंत माइक्रोबायोम को भी आहार प्रभावित करता है। हाल ही में हुए अध्ययनों में यह देखा गया है कि एक किटोजेनिक आहार आंत में मौजुद बैक्टीरिया को कैसे प्रभावित करता है।
जानकारी के लिए बता दें कि नए अध्ययन पर एक लेखक पीटर टर्नबॉघ का सुझाव है कि यह एक अजीब विरोधाभास था जिसने अनुसंधान को प्रेरित किया। हम जानते हैं कि उच्च वसा वाले आहार से बीमारी होती है। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर निगेटिव असर पड़ता है। वहीं, एक उच्च वसा वाले केटोजेनिक आहार के परिणामस्वरूप सामान्य उच्च वसा वाले आहार से नाटकीय रूप से अलग असर पड़ता है।