नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरनाक संक्रमण ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वस्तुतः एक वायरस है, जो संक्रमण के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति को भी तेजी से अपनी चपेट में ले लेता है। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का ध्यान रखने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। सोशल मीडिया में इस बीमारी से जुड़ी कई भ्रामक सूचनाए फैलाई जा रही है, जिसकी वजह से लोग भ्रमित हो रहे हैं, ऐसे ही एक सवाल को लेकर कई लोग भ्रमित है कि क्या पादने से भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। चूंकि WHO पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कोरोनावायरस वायु के माध्यम से संक्रमित नहीं होता, साथ ही यह भी बताया है कि COVID-19 वायरस वास्तव में एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलते समय उत्पन्न बूंदों के कारण प्रेषित होता है। ये बूंदे अपेक्षाकृत भारी होने के कारण वायु के माध्यम से फैलने के बजाय फर्श या सतहों पर गिर जाती हैं, इसीलिए चिकित्सक एवं वैज्ञानिकों का कहना है कि हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोया जाए और सेनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाए। एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि क्या पेट की गैस यानी पाद (Fart) कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार कर सकता है? इस संदर्भ में बीजिंग में सीडीसी द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गयी, जिसके अनुसार यदि कोई कोविड-19 रोगी गैस छोड़ता है तो उसके बगल वाले व्यक्ति को कोरोनरी संक्रमण हो सकता है, लेकिन टोंगजो डिस्ट्रिक्ट के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गैस (Farts) कोविड-19 के ट्रांसमिशन मार्ग के रूप में कार्य नहीं कर सकता, जब तक कि कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति के पादने के बाद उसके इस्तेमाल किए गए पैंट कोई और न पहने। यह तभी संभव है, जब कोई COVID-19 से प्रभावित व्यक्ति द्वारा अच्छी तरह से पास की गई गैस (Farts) वाली पैंट कोई स्वस्थ मनुष्य ना पहनें। ऐसे लोगों की पैंट वस्तुतः कोरोना निवारक मास्क की भूमिका निभाते हैं, हालांकि कुछ लोगों के कोरोनरी धमनियों के संपर्क में आने पर संक्रमित होने की भी सूचना है। इससे अन्य स्वस्थ व्यक्ति को ज्यादा सतर्क रहने के लिए आगाह किया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या लगभग 2,078,605 तक पहुंच चुकी है और इस संक्रमण से लगभग 1 लाख 39 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अमेरिका में इस महामारी का प्रकोप ज्यादा बताया जा रहा है। खबरों के अनुसार वहां प्रतिदिन हजारों लोगों की मृत्यु हो रही है। भारत में भी स्थिति संतोषजनक नहीं है. ऐसे में आवश्यक है कि जब तक कोरोना वायरस के उपचार हेतु कोई मेडिसिन अथवा वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो, सोशल डिंस्टेंसिग एवं लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जाए और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। यही बातें आपको इस संक्रामक महामारी से बचाने में मदद कर सकती हैं, कृपया घर पर रहें।