कोरोना के आम लक्षणों में बुखार, सूखी खाँसी, थकान, दर्द एवं पीड़ा, गले में खराश, दस्त, आंख आना, सिरदर्द, स्वाद या गंध का महसूस न होना, त्वचा पर दाने, सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ, सीने में दर्द या दबाव आदि शामिल हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे लक्षण हैं जो कोरोना संकट के साथ चल रही मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया, वायरल और टाइफाइड बुखार से मिलते-जुलते हैं।
चूंकि कोरोना का प्रकोप ज्यादा है इसलिए लोग इन बीमारियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर किसी की लक्षण महसूस भी हो रहे हैं तो वो उसे कोरोना ही समझ रहे हैं। आपको बता दें कि कोरोना के चक्कर में इन मौसमी मच्छरों के काटने से होने वाले बीमारियों को नजरअंदाज करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
कोरोना और इन बीमारियों के गंभीर लक्षणों में थोड़ा फर्क होता है जो हम आपको बताएंगे। आप इन लक्षणों को महसूस करते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा हम आपको कुछ ऐसे उपायों की भी जानकारी देंगे, जो आपको इन मौसमी बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकती हैं।
1) डेंगू बुखार डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैले हुए चार प्रकार के डेंगू वायरस के कारण होता है। सभी वायरस एडीज एजिप्टी या एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर के रूप में ज्ञात मच्छर प्रजातियों के माध्यम से फैलते हैं। शुरुआत में सामान्य-सा लगने वाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है।
डेंगू बुखार के लक्षण इसे 'हड्डीतोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हों। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल दाने होना शामिल हैं। यह बुखार मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।
डेंगू बुखार के लिए उपाय मेथी और पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में सहायक हो सकते हैं। इन पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है। इनसे प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ती है। साथ ही, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है।
2) वायरल बुखार तापमान सर्द होने की वजह से लोगों को इन दिनों सर्दी जुकाम और वायरल बुखार जैसी मौसमी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है। मौसम में आए बदलाव का इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। वायरल इन्फेक्शन की एक बड़ी श्रेणी को वायरल फीवर का नाम दिया गया है।
वायरल बुखार के लक्षण शरीर का तापमान बढ़ना वायरल बुखार की मुख्य विशेषता होती है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं।
वायरल बुखार के लिए उपाय इसके लिए आप धनिया और तुलसी के पत्ते का काढ़ा इस्तेमाल कर सकते हैं। धनिया के बीज में फाइटोन्यूट्रीशन होते हैं जो कि शरीर को विटामिन देते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। धनिया में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं। तुलसी के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो वायरल बुखार को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
3) मलेरिया बुखार मलेरिया बुखार, कंपकपी के साथ होता है और इसका कारण है मलेरिया परजीवी, जो मरीज़ के रक्त में पाया जाता है। मलेरिया के संक्रमण का सबसे प्रमुख लक्षण है कि अचानक तेज कंपकंपी के साथ ठंड ठंड लगती है और इसके कुछ ही देर बाद बुखार आ जाता है।
मलेरिया बुखार के लक्षण मलेरिया बुखार में आपको सर्दी और सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार आता है। गंभीर मामलों में रोगी कोमा में चला जाता है या उसकी मृत्यु तक हो जाती है।
मलेरिया बुखार के लिए उपाय कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग किया जाता है। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शाम लेने से बुखार ठीक हो सकता है। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं।
4) टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह जीवाणु संक्रमण हाई फीवर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बनता है। आमतौर पर दूषित पानी या भोजन खाने से टाइफाइड होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार रहता है।
टाइफाइड बुखार के लक्षण टाइफाइड बुखार के मुख्य लक्षणों में कमजोरी, सिरदर्द व बदन दर्द, भूख में कमी, सुस्ती आदि शामिल हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर आपको टाइफाइड बुखार की जांच करानी चाहिए।
टाइफाइड बुखार के लिए उपाय इसके लिए आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और यह रक्त को प्यूरीफाई करने का काम करता है। इसके अलावा लहसुन किडनी से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। हालांकि, इसका अधिक लाभ लेने के लिए इसे कच्चा या अधपका खाना चाहिए। यह टाइफाइड बुखार से पीड़ित व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ती है।