कोरोना वारयस से संक्रमित एक तिहाई मरीजों में डायरिया जैसे गैस्ट्रोइंस्टेटाइनल लक्षण, पढ़े

कोरोना वायरस मनुष्य की आंतों को प्रभावित कर सकता है. इस वायरस के आंतों को संक्रमित करने को लेकर एक नयी बात सामने आई है. हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण व आंतों के बीच के इस संबंध को लेकर शोध हुआ व इससे पता चला

कि कुछ मरीजों में डायरिया जैसे लक्षण क्यों नजर आते हैं. इम्यून सिस्टम को बनाने वाली 70 फीसदी कोशिकाएं आंत की परत पर होती हैं. www.myupchar.com से जुड़े डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का बोलना है कि जो भी आदमी खाता-पीता है, उसका पाचन व अवशोषण प्रमुख रूप से छोटी व बड़ी आंत में ही होता है. यहीं सबसे अधिक पोषक तत्व अवशोषित होते हैं. बड़ी आंत में पानी अवशोषित होता है व छोटी आंत में मिनरल, विटामिन व दूसरे तत्व. आंतों के बीमार होने से न केवल भोजन का पाचन, बल्कि पोषक तत्वों के अवशोषण पर भी प्रभाव पड़ता है. लेकिन यहां आंतों को लेकर एक नया शोध सामने आया है. कोरोना वायरस महामारी के बीच शोध में पता चला है कि कोविड-19 मानव आंतों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है. यह भी पता चला है कि यह संक्रमित करने के साथ वहां कई गुना बढ़ा भी सकता है.
वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित कई मरीजों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों का अनुभव होता है जैसे कि डायरिया. यह शोध नीदरलैंड्स के हब्रेचट इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने किया. इन वैज्ञानिकों ने अन्य शोधकर्ताओं की टीम के साथ मिलकर किए अध्ययन में पाया कि कोरोना वारयस से संक्रमित एक तिहाई मरीजों में डायरिया जैसे गैस्ट्रोइंस्टेटाइनल लक्षण होते हैं. वैज्ञानिकों की एक टीम ने पता लगाया कि वायरस आंत की कोशिकाओं को कैसे प्रभावित करता है.
एसीई2 एंजाइम का प्रयोग करके वायरस फेफड़ों में एपिथेलियल सेल्स में प्रवेश करता है. यह दोहराने लगता है व आगे फैलने लगता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इस तरह से कोविड-19 श्वसन संबंधी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जो खांसी व सांस की तकलीफ से लेकर कुछ गंभीर मामलों में निमोनिया तक हो सकते हैं. www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डाक्टर अजय मोहन का बोलना है कि आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण खांसने या छींकने पर निकलने वाले द्रव की बूंदों से फैलता है. इससे संक्रमित मरीजों में खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ व बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं. इस शोध में वैज्ञानिकों ने बोला अब कुछ मरीज डायरिया जैसे लक्षण भी अनुभव करते हैं.
शोधकर्ताओं ने बोला कि शुरुआती अध्ययनों से यह सामने आता है कि वायरस आंत की कोशिकाओं को भी संक्रमित कर सकता है. मरीजों को कभी-कभी डायरिया जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण दिखाई देते हैं. इस शोध में ये स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में जाकर कई गुना बढ़ जाता है. लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि मरीजों की आंतों में उपस्थित वायरस से भी लोग संक्रमिक हो सकते हैं या नहीं. इससे पहले ये स्पष्ट नहीं था कि आंतों की कोशिकाएं भी वायरस से संक्रमित हो सकती हैं या नहीं. इसी कारण से प्रयोगशाला में मनुष्य की आंतों को विकसित किया गया व रिसर्च की.

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