कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करके इस खतरनाक वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है। यही वजह है कि आयुष मंत्रालय ने भी इम्यून पावर बढ़ाने वाली चीजों के सेवन की सलाह दी है।
ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस ऐसे लोगों को जल्दी चपेट में लेता है जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है यानी जिनके शरीर की रोगों से लड़ने के क्षमता कम होती है। हम आपको एक ऐसे चीज के बारे में बता रहे हैं जो आपके इस काम को आसान कर सकती है। हम बात कर रहे हैं शकरकंद की।
शकरकंद को इसके पोषक तत्वों की वजह से ऊर्जा का सबसे बेहतर स्रोत माना जाता है। इसे कच्चा, उबालकर या फिर मिठाई के रूप में खाया जाता है। शकरकंद को मीठे आलू के रूप में जाना जाता है।
वेबएमडी के अनुसार, एक मध्यम शकरकंद में 112 कैलोरी, 0.07 ग्राम फैट, 26 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम प्रोटीन, 3.9 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी, कैल्शियम, आयरन, मैगनीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, थायमिन और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
इम्यून सिस्टम बढ़ाने में मददगार है शकरकंद
इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर कोई भी बामारी हमे अपना शिकार बहुत ही आसानी से बना लेती है, इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करें, जिससे की हम किसी भी बीमारी की चपेट में आने से बचें।
विटामिन और खनिज सिर्फ एक शकरकंद खाने से आपको पूरे दिन का आवश्यक विटामिन ए का 400 फीसदी मिल जाता है। यह आपकी आँखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कीटाणुओं के खिलाफ आपके शरीर की रक्षा में मदद करता है। यह आपके प्रजनन तंत्र और आपके दिल और गुर्दे जैसे अंगों के लिए भी अच्छा है।
कैंसर से बचाने में सहायक शकरकंद में कैरोटीनॉयड पाया जाता है। यह ऐसा तत्व है, जो कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। बैंगनी मीठे आलू एंथोसायनिन नामक एक अन्य प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं, जो कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना को कम कर सकते हैं।
डायबिटीज से बचाने में मददगार शकरकंद के पोषक तत्व रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। उबली हुई शकरकंद में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके रक्त शर्करा को नहीं बढ़ा सकता।
दिल को स्वस्थ रखने में सहायक नियमित रूप से शकरकंद खाने से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शकरकंद एलडीएल "खराब" कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है, जो दिल की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण होता है।
मैक्युलर डीजेनेरेशन मीठे आलू में बड़ी मात्रा में बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए पाया जाता है। इसके सेवन से नेत्र रोग मैक्युलर डीजेनेरेशन होने की संभावना को कम हो सकता है, जो दृष्टि हानि का सबसे आम कारण है।
मोटापा रोकने में सहायक बैंगनी शकरकंद आपके शरीर में कम सूजन और वसा कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है, जिससे आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
यौन स्वास्थ्य बनता है बेहतर स्वाद में शकरकंद जितना अच्छा है, उतना ही बेहतर आपके यौन स्वास्थ्य के लिए भी है। इसमें मौजूद पोटेशियम, बीटा-कैरोटीन जैसे तत्व आपको ब्लड प्रेशर और हृदय की समस्याओं से बचाकर यौन स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। कई देशों में यौन स्वास्थ्य के लिए एस्ट्रोजेन थेरेपी और फर्टिलिटी थेरेपी की बजाय शकरकंदी का इस्तेमाल किया जाता है। पोटेशियम से भरपूर शकरकंदी हाई ब्लड प्रेशर से बचाती है। बहुत से लोगों में ब्लड प्रेशर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी नपुंसकता का एक बड़ा कारण है।
इस बात का रखें ध्यान शकरकंद में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। इसे पकाने के कुछ तरीके, जैसे बेकिंग, रोस्टिंग और फ्राइंग से इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ सकता है, जिससे आपका रक्त शर्करा बढ़ सकता है। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करें। एक्सपर्ट मानते हैं कि शकरकंद के पोषक तत्वों के अधिक लाभ लेने के लिए आपको इसे हमेशा उबालकर खाना चाहिए। इसे सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने से बचें।