पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल रहे 40 साल के रज्जाक ने कहा कि विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं में उनकी टीम के खिलाफ भारतीय टीम का दबदबा बना रहेगा क्योंकि भारत के पास बड़े मैचों के दबाव को झेलने की ज्यादा क्षमता है।
फिटनेस की समस्या से जूझ रहे पांड्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि 26 साल का यह खिलाड़ी ज्यादा मेहनत नहीं कर रहा। रज्जाक ने कहा, 'पांड्या एक अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन वह एक शानदार हरफनमौला हो सकते हैं। यह सब मेहनत पर निर्भर करता है। जब आप खेल को पर्याप्त समय नहीं देते हैं, तो आपका प्रदर्शन खराब होगा।'
उन्होंने कहा, 'उसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बेहतर तैयारी करनी होगी। जैसा कि आपने देखा है, वह पिछले साल वह कई बार चोटिल हुआ। जब आप बहुत पैसा कमाते हैं, तो आप मेहनत से दूर भागने लगते है। मोहम्मद आमिर को देखिए उसने ज्यादा मेहनत नहीं कि जो उसके प्रदर्शन में दिख रहा है।'
पांड्या ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और उनकी तुलन कपिल देव से की जाती है लेकिन रज्जाक ने कहा ऐसा करना काफी जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा, 'कपिल देव और इमरान खान अब तक के सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला रहे हैं। उस स्तर के सामने हार्दिक कहीं नहीं है। यहां तक कि मैं एक ऑलराउंडर था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं खुद की तुलना इमरान भाई से करूंगा।'
पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट, 265 एकदिवसीय और 32 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले रज्जक ने कहा, 'कपिल पाजी और इमरान भाई अलग स्तर के खिलाड़ी थे।' रज्जाक ने अपने समय के तेज गेंदबाजों की तुलना में बुमराह को 'बेबी बॉलर' कहकर पिछले साल विवाद खड़ा कर दिया था। भारतीय तेज गेंदबाज 2016 में राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने के बाद हर प्रारूप में दुनिया के अग्रणी गेंदबाजों में से एक बन गया है।
उन्होंने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से कही से भी बुमराह के खिलाफ नहीं हूं। मैं केवल उसकी तुलना ग्लेन मैकग्रा, वसीम अकरम, कर्टली एम्ब्रोस, शोएब अख्तर से कर रहा था। उनका सामना करना बहुत मुश्किल होता। मेरी टिप्पणियों को गलत तरीके से लिया गया।'
रज्जाक ने कहा, 'वह विश्वस्तरीय गेंदबाज बनने की तरफ बढ़ रहा है। हमारे समय में गेंदबाजों का स्तर काफी ऊंचा था। इस पर ज्यातातर लोग असहमत नहीं होंगे। क्रिकेट का स्तर गिरा है।' उन्होंने कहा, 'मौजूदा तेज गेंदबाजों के सामने आप उतना दबाव नहीं झेलते। विश्व क्रिकेट एक बुरे दौर से गुजर रहा है। हम विश्वस्तरीय खिलाड़ी तैयार नहीं कर पा रहे हैं जैसा 10-15 साल पहले था।'
उन्होंने कहा, 'आपके पास एक ही टीम में तेंदुलकर, जहीर, सहवाग और गंगुली थे। इस गिरावट की वजह शायद जरूरत से ज्यादा टी20 क्रिकेट है।' पाकिस्तान की टीम 90 के दशक में ज्यादा मजबूत थी लेकिन पिछले एक दशक में भारतीय टीम उस पर भारी पड़ी है। विश्व कप में भी पाकिस्तान को हराने के मामले में भारत का रिकॉर्ड ७ -0 है।
भारत के खिलाफ तीन बार विश्व कप (1999, 2003, 2011) मैच खेलने वाले रज्जाक ने कहा, 'भारत इस रिकॉर्ड को बरकरार रखेगा। ऐसा कम ही होता है कि भारत और पाकिस्तान आईसीसी प्रतियोगिता के नॉक-आउट मुकाबले में एक-दूसरे का सामना करे। वे लीग चरण में खेलते हैं जहां भारत दावेदार होता है। हमारे खिलाड़ी दबाव को नहीं झेल पाते हैं।' (भाषा) फोटो साभार ट्विटर