पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है. कई देश इस महामारी की जद में हैं, जिसमें से एक ब्रिटेन भी है. ब्रिटेन में मंगलवार को कोरोना वायरस के कारण 786 लोगों की मौत हुई है. वहीं हजारों की संख्या में लोग यहां इस वायरस से संक्रमित हैं. देश के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन भी इस महामारी से बच नहीं पाए और अब वो अस्पताल में भर्ती हैं. इस बीच साल 2019 में मिस इंग्लैंड बनी भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उतर गई हैं.
भाषा मुखर्जी पेशे से डॉक्टर हैं. भाषा एक समाजसेवी दौरे पर भारत में थीं, पर कोरोना से दुनिया में मची तबाही को देखने के बाद उन्होंने वापस अपने देश जाने का निर्णय लिया और फिर से डॉक्टर के तौर पर ड्यूटी ज्वाइन करने का फैसला किया. कोलकाता में जन्मीं भाषा मुखर्जी के सिर पिछले साल अगस्त में मिस इंग्लैंड का ताज सजा था.
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भाषा ने फैसला लिया था कि वो कुछ समय के लिए अपने मेडिकल करियर से ब्रेक लेंगी. हालांकि महामारी ने उनके इस फैसले को दोबारा बदलने में देर नहीं लगाई.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाषा मुखर्जी ने कहा, "यह निर्णय लेना मेरे लिए कठिन नहीं था. मैं अफ्रीका और तुर्की गई. भारत एशिया का पहला देश था जिनमें मुझे ट्रैवल करना था. कोरोना वायरस के कारण मुझे अपने दूसरे देशों का दौरा रद्द करना पड़ा और भारत से ही वापस ब्रिटेन लौट आई. मुझे पता था कि मेरे लिए फिलहाल सबसे अच्छी जगह अस्पताल में होगी, इसलिए मैंने सारे प्लान कैंसिल कर दिए."
भाषा मार्च के शरुआत में भारत आई थीं. बोस्टन स्थित पिलग्रिम हॉस्पिटल में भाषा के साथ काम करने वाले उनके साथी उन्हें ब्रिटेन के हालातों के बारे में सूचित करते रहते थे. भाषा को वो बताते थे कि ब्रिटेन के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. उसी दौरान भाषा को लगा कि यह ताज पहने रखना अब गलत है और उन्हें फिर से अपनी ड्यूटी करनी चाहिए. फिलहाल भाषा एक-दो हफ्ते के लिए सेल्फ आइसोलेशन पर हैं, जिसके खत्म होने के बाद वो फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगी.
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