आज हम आपको बताते हैं कि इसकी वजह क्या है बच्चों में बुखार के दो कारण होते है वायरल या बैक्टीरियल जन्म के शुरुआती 2 साल तक अधिकार बच्चों में वायरल फीवर की आशंका रहती है इस उम्र में बच्चों को भी बुखार होना इस बात का संकेत है कि उनके शरीर का इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ रहा है और इससे शरीर बच्चों की इम्युनिटी मजबूत होती है।
अगर 6 साल से कम उम्र के बच्चों में बुखार है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति खतरनाक साबित होती है स्कूली बच्चो को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता रहता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता लेकिन बाहरी वातावरण से उनका सम्पर्क बहुत ज्यादा होता है ऐसे में बैक्ट्रिया उनके शरीर पर हमला कर देते हैं जिससे उन्हें बार-बार बुखार आता है।
कई बार अनुवांशिक कारणोंकी वजह से बच्चों में कोई समस्या हो सकती हैअगर घर में साफ सफाई का ध्यान ना रखा जाए तब भी बच्चों को यह फीवर हो सकता है हम आपको बच्चे के कुछ उपचार एवं बचाव बताते हैं अगर आपके बच्चों 2 से 3 दिनों तक 1 से 1 डिग्री से ज्यादा बुखार है तो फिर तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं अगर घर में किसी एक बच्चे को ऐसा संक्रमण तो उसे तुरंत दूसरे बच्चों से दूर कर दे।
कुछ लोग बुखार होने पर बच्चों को नहलाना बंद कर देते हैं ऐसा ना करें गुनगुने पानी में मुलायम टावर भिगोकर उसका शरीर पूँछे या गर्मियों के मौसम में उसे नहलाने में कोई दिक्कत नहीं है बच्चों को डाइट में रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों की प्रमुखता से शामिल करें इससे उनकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा और बार-बार बुखार की समस्या भी नहीं होगी।
अगर बच्चे के गले में खराश है तो तुरंत गुनगुना पानी दे यह बात गलत है कि बुखार के सर्दी जुखाम होने पर बच्चों को फल नहीं खिलाना चाहिए आप दिन के समय उन्हें कोई भी फल खिला सकती हैं बस उन्हें तुरंत फ्रिज से निकालने के बाद कोई चीज ना दें आपके बच्चे को बुखार है जब तक आपके बच्चे को बुखार है नई स्कूल ना भेजें।