भागलपुर [जेएनएन]। कोरोना वायरस से वैसे लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं जो मधुमेह या अन्य बीमारियों से पीडि़त हैं। जिनमें प्रतिरोधक क्षमता कम है। भागलपुर में अब तक एक व्यक्ति ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ है। संक्रमित व्यक्ति की उम्र 65 वर्ष है। वह मधुमेह से भी पीडि़त है। यह संकेत अच्छा नहीं है। इसलिए क्योंकि जिला में हजारों की संख्या में लोग मधुमेह से पीडि़त हैं।
अभी कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया झेल रही है। संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की गाइडलाइन में वैसे डॉक्टरों को संक्रमित मरीजों से दूर रहने का निर्देश दिया है, जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है। वे जो मधुमेह, बीपी, टीबी आदि बीमारियों से ग्रसित हैं। ऐसे डॉक्टरों को संक्रमित मरीजों का इलाज करने से दूर रखा गया है। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में सप्ताह में एक दिन मधुमेह मरीजों का इलाज किया जाता है। प्रति सप्ताह 80 से ज्यादा मरीजों का इलाज होता है। इसके अलावा निजी क्लीनिकों में इलाज करवाने वाले बीपी और मधुमेह से पीडि़तों की संख्या कई गुणा ज्यादा है।
टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. शांतनु घोष ने कहा कि कोरोना वायरस से ज्यादातर वहीं संक्रमित हो रहे हैं जो विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं। रक्तचाप, दमा और मधुमेह आदि बीमारियों की वजह से रोग से लडऩे की क्षमता कम हो जाती है। यही वजह है कि ऐसे लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मधुमेह पीडि़त किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस से स्वस्थ होने पर उसे नियमित दवा खानी चाहिए। साथ ही योगासन, प्राणायाम करने से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।