अगर भारत ने अमेरिका को "हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन" दवा नहीं दी तो क्या होगा, डोनाल्ड ट्रम्प गुस्से में कर सकते,,,,?

भारत में देखा जाए तो मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना की बीमारी मेंकारगर साबित हो रही है इस वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी आपूर्ति के लिए भारत से अनुरोध किया हैं ?

अमेरिका में देखा जाए तो कोरोनावायरस के कारण लगातार लोग संक्रमित होते जा रहे हैं, यहां पर संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 367461 हो चुकी जिसमें से 19522 लोगों को बचा लिया गया जबकि 10910 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका के पास इस समय दवा खत्म होने की कगार हैं, अब अब देखा जाए तो भारत के पास हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा काफी ज्यादा बनाई जाती है, इस वजह से अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कॉल करके इस दवा की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है ,इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है लेकिन कोरोना में आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए यह दवा दी जाती है।
सरकार की बात करे तो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के निर्यात पर पाबंदी और सख्त कर चुका है, सरकार को पता हैं की कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ सकती है इस वजह से इस दवाई पर रोक लगा दी ताकि भारत देश में जरूरी दवाओं की कोई कमी नहीं रहे।
विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने एक सूचना जारी करते हुए बताया कि हीड्रोसोक्लोरोक्वीन और उससे बनने वाली दवाइयों के निर्यात पर रोक लगा दी गई निर्यात पर रोक हैं, चाहे किसी ने पहले ही आयत के लिए पैसे दिए हो।"
निदेशालय की बात करे तो इस दवा पर 25 मार्च को रोक लगा दी गई थी, डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बात की तब इन्होंने हाइड्रोक्लोरोक्वीन के बारे में कहा की में इस दवा को ले सकता हूं और मुझे डॉक्टर से बात करने के बाद बताऊंगा।"

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