अमित शाह ने नागरिकता कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय को लेकर यह बात कही हैं तो सुन लीजिये ?
आज केआर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि 1955 के नागरिकता कानून को संशोधित करते हुए व्यवस्था बनाई गई कि 31 दिसंबर सन 2014 के पहले जितने भी बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोग भारत आए हैं उनको हिंदू बौद्ध सिख जैन पारसी में से भारत की नागरिकता दी जाएगी।
इसके अलावा भारतीय नागरिकता आपको 11 वर्षों तक भारत में रहने पर मिलती थी लेकिन इस अब इसको 5 वर्षों में बदल दिया गया हैं।
नागरिकता कानून को देखते हुए कई शहरों में इसका विरोध प्रदर्शन भी हुआ है, कई बार देखने को मिला की नागरिक कानूनों का विरोध करने और समर्थन करने वाले लोगों के बीच में हिंसा हो जाती हैं, सबसे बड़ी हिंसा हाल में ही दिल्ली में हुयी।
इस हिंसा में देखा जाए तो 42 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी, अमित शाह ने को संबोधित करते हुए कहा की," किसी भी हाल में देश के एक भी मुसलमान की नागरिकता सीए के कारण नहीं जाएगी उन्होंने बताया कि यह कानून नागरिकता देने के लिए बनाया गया हैं ना की छीनने के लिए।