विश्व स्वास्थ्य दिवसः इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए कोरोना वायरस है ज्यादा खतरनाक, जानें

पटना, जेएनएन। हाइपरटेंशन, मधुमेह और किडनी जैसे रोग मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर देते हैं। कोरोना प्रकोप के इस दौर में यदि इन रोगों से पीडि़त लोगों को अस्पताल या घर से बाहर जाना पड़ा तो उन्हें संक्रमण की सबसे ज्यादा आशंका है। 60 वर्ष से अधिक के रोगियों को तो और भी ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे लोगों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करते हुए अपनी दवा, खानपान और योग-ध्यान की बाबत खास एहतियात बरतने की जरूरत हैं। ये बातें विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को इंडोक्राइन सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक सह मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहीं।

मधुमेह, बीपी और किडनी रोगी निम्न बातों का रखें ध्यान
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग कोरोना के आसान शिकार हैं। ऐसे में सबसे जरूरी है कि नियमित रूप से चलने वाली दवाओं को समय से लेते हुए संयमित खानपान और व्यायाम से शुगर और बीपी को सख्ती से नियंत्रित रखें। साथ ही नियमित रूप से ग्लूकोमीटर से शुगर लेवल और संभव हो तो बीपी नापते रहें। बिना फोन पर डॉक्टर की सलाह के किसी अस्पताल या क्लिनिक नहीं जाएं।
तनाव और डर पर काबू के लिए योग-ध्यान जरूरी
लॉकडाउन के कारण अब स्वस्थ व्यक्ति को भी तनाव होने लगा है। ऐसे में शुगर, बीपी और किडनी रोगियों और उनके स्वजनों का तनाव और बढ़ गया है। प्राणायाम, योग और ध्यान कर काफी हद तक तनाव पर काबू पाया जा सकता है।
खानपान में रखें इन बातों का ध्यान
- एक नियमित आहार तालिका का पालन करें।
- मधुमेह रोगी तीन मेजर मील और तीन स्नैक्स लें। जितनी भूख हो एकबार में उसका आधा ही खाएं।
- ग्रीन टी या बिना मलाई व चीनी के दूध, चाय व कॉफी पी सकते हैं।
- खाने में 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट यानी गेहूं या उससे बनी चीजें, कैलोरी जैसे दाल या सूखे मेवे 15 से 20 प्रतिशत लें।
- कोलेस्ट्रॉल यानी मक्खन, देसी घी, मलाईयुक्तदूध आदि 200 मिलीग्राम से अधिक नहीं लें।
- ताजे फल 3 से 5 बार अवश्य खाएं। सेब, संतरा, मौसमी, केला, पपीता, गाजर, तरबूज, अमरूद, टमाटर, बेर, जामुन, जैसे फल उपयोगी हैं।
- अंकुरित चना या मूंग रोज खाएं, उसना चावल एवं चोकर सहित गेहूं का ही प्रयोग करें।
फाइबर यानी रेशेदार चीजें खाना फायदेमंद
खून में से शुगर को सोखने में फाइबर काफी उपयोगी है। फाइबर एक ओर पानी को अधिक देरतक रोक कर खाना पचाने में सहायक होता है तो वहीं खाने से अवशोषित शुगर की अधिक मात्रा को सोख कर इंसुलिन को नार्मल कर शुगर नियंत्रित रखता है।
धूप की रोशनी भी है जरूरी
थोड़ी देर सूरज की रोशनी में बैठने से अच्छी मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन बनाने में सहायक होता है। यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो इंसुलिन कम हो जाती है।
दस बादाम व अखरोट का दम
डायबिटिक को प्रतिदिन एक मुठ्ठी कागजी बादाम और अखरोट खाना अच्छा माना जाता है। इसमें उत्तम कोटि का प्रोटीन होता है और 80 प्रतिशत घुलनशील फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रोल घटाता है। ये कब्ज दूर कर आंतों को ठीक रखता है। ये इंसुलिन को संवेदनशील ओर कारगर बनाती है। इसका मैग्निीशियम, विटामिन -6, आयरन, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, सेलेनियम, थायमीन, आदि पोषक तत्व डायबिटीज होने से बचाता है और ब्लड शुगर नियंत्रित करता है। इसे खाने से वजन भी कम होता है।
इन खाद्य तेलों का करें उपयोग
ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, तिल का तेल, सूरजमुखी का तेल, सन फ्लावर तेल के कांबिनेशन का इस्तेमाल करें। ये पूफा और मूफा युक्त होते हैं, जो अच्छे कोलेस्ट्राल को बढ़ाते हैं। तीसी या अलसी का तेल या चूर्ण लेने से ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है। इसी प्रकार राइस ब्रान, सोयाबीन ऑयल, में अल्फा लीनोलीक रहता है, जो ओमेगा:3 में बदल जाता है। ओमेगा : 3 ह्रदय के लिए अच्छा माना जाता है।

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