कोरोना के चलते पुरे देश में लगे लॉकडाउन की मियाद खत्म होने के दिन नजदीक आते ही लोगो के मन में एक ही सवाल हैं कि क्या 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खत्म होगा या फिर से बढ़ाया जाएगा, या कुछ ही इलाकों को छोड़ बाकि को छुटकारा मिलेगा, हाल देश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए करीब करीब एक अरब से ज्यादा की आबादी लॉकडाउन के दायरे में है, और इस लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान भी हो रहा है। केंद्र और कई राज्य सरकारो से मिली जानकारी के आधार पर जानकारों का मानना है की 14 अप्रैल के बाद देश से लॉकडाउन पूर्ण रूप से नहीं हटाया जाएगा, राज्य और केंद्र सरकार की मीटिंगों के अद्धर पर यह संकेत है देश में क्रमवार तरीके से लॉकडाउन हटाया जा सकता है, जिसकी घोषणा होनी बाकी है। लॉकडाउन से ही देश में फ़ैल रहे कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिली रही है ,परन्तु साथ ही इस लॉकडाउन के चलते लोगों के जनजीवन और अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है,भारत के वित्त मंत्रालय के अनुसार इस समय भारत की जीडीपी रोजाना लगभग 8 बिलियन डॉलर है,लॉकडाउन अगर 30 दिनों तक चलता है तो करीब 250 बिलियन डॉलर का नुकसान देश को सहन करना होगा। अगर तय समय पर लॉकडाउन हटा लिया जाता है तो आने वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस नुकसान की भरपाई करना संभव है ,अन्यथा किसी भी प्रकार इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं। कोरोना के बढ़ाते विश्वव्यापी खतरे के चलते हुए देश की सरकार एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहती है,इस वजह से प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लॉकडाउन से एग्जिट का प्लान तैयार करके भेजें,हलाकि कोरोना संक्रमण के रोजाना बदल रहे आंकड़ों से राज्यों की सरकार के लिए लॉकडॉउन एग्जिट प्लान तैयार करना एक बड़ी चुनौती है ,हलाकि मना जा रहा है की राजतो की रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक केंद्र के पास जा सकती है। देशव्यापी लॉकडाउन से राज्यों को भी भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योकि लॉकडाउन से प्रभावितो के लिए शुरू की गयी योजनाओं के चलते खजाने पर असर हो रहा है,इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें क्षेत्रवार तरीके से लॉकडाउन से निकलने की तैयारी में जुटी है ,जिन इलाको से ज्यादा केस आ रहे हैं वो 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन में रह सकते हैं,और बाकि को राहत दी जा सकती है,सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखने के लिए लॉकडाउन हटाने के बाद धारा-144 लागू रखा जा सकता है। कोरोना के संक्रमण के चलते कई राज्य दूसरे राज्यों में परिवहन व्यवस्था शुरू करने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं होने के कारण बसों के चलने की संभावना खत्म हो जाती है, और ट्रेनों का सवाल है,यह भी राज्य इजाजत के बाद ही चलाई जा सकती हैं।