सिवान । नगर परिषद के प्रधान सहायक सह लेखापाल किशन लाल को 97 लाख चार हजार 325 रुपये के अस्थाई गबन व कार्यालय में अगलगी को लेकर हुए स्पष्टीकरण का उचित जवाब नहीं देने के आरोप में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने निलंबित कर दिया है। साथ ही स्थापना सहायक को प्रपत्र गठित करने को आदेशित करते हुए कर परिदर्शक विजयशंकर सिंह को संपूर्ण प्रभार दे दिया है। जारी पत्र में अजीत कुमार ने बताया है कि बंदोबस्ती संचिका वर्ष 2019-20 के अवलोकन से यह ज्ञात हुआ है कि मजहरुल हक बस पड़ाव के बंदोबस्तधारी बलिद्र चौधरी का पार्किंग शुल्क का शेष बकाया 96 लाख 30 हजार तथा श्रद्धानंद बाजार के बंदोबस्तधारी वेद प्रकाश का पार्किंग शुल्क 74 हजार 325 रुपया कार्यालय में नहीं जमा किया गया है। इससे विभाग को राजस्व की काफी क्षति हुई है। इसमें बंदोबस्तधारी से रुपये लेकर मिलीभगत से उक्त राशि ना जमा कराकर रोकड़पाल किशन लाल द्वारा राशि गबन करने का प्रयास किया गया है। साथ ही नगर परिषद कार्यालय में चार फरवरी को हुई अगलगी के संबंध में स्पष्टीकरण की मांग करते हुए स्थिति स्पष्ट करने की बात कही गई तो मनमाने कार्यकलाप व उदंडता के कारण किशन लाल द्वारा जवाब नहीं दिया गया है।
बता दें कि अगलगी के ही मामले में पूर्व में रात्रि प्रहरी से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, इसमें रात्रि प्रहरी द्वारा उचित जवाब नहीं देने के मामले में उसको निलंबित कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा निदेशित आदेश के क्रम में कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा प्रधान सहायक किशन लाल उपस्थित होने के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन वहां उपस्थित ना होते हुए अधोहस्ताक्षरित को इस संबंध में अवगत भी नहीं कराया गया। कार्यपालक ने बताया है कि स्वच्छ भारत मिशन योजनातंर्गत विकास मित्रों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने हेतु संबंधित सहायक से समन्वय स्थापित कर अनेकों बार मौखिक निर्देश देने के बावजूद ससमय भुगतान नहीं कराया गया। वहीं दूसरी ओर कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने श्रद्धानंद बाजार के बंदोबस्तधारी वेद प्रकाश के विरुद्ध नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। दिए गए आवेदन में ईओ ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बंदोबस्तधारी वेद प्रकाश द्वारा पार्किंग शुल्क 74 हजार 325 रुपया कार्यालय में नहीं जमा किया गया है। इसमें 50 हजार 750 रुपये बंदोबस्ती की राशि व 23 हजार 575 रुपये मुद्रांक शुल्क शामिल है। इस मामले में इओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
Posted By: Jagran
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