नई दिल्ली: महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया के हर स्पोर्ट्स इवेंट पर ब्रेक लगा दिया है. ओलंपिक से लेकर आईपीएल, एनबीए, ला लीगा, इंग्लिश प्रीमियर जैसी लीग स्थगित हैं. ऐतिहासिक फ्रेंच ओपन से लेकर क्रिकेट की द्विपक्षीय सीरीज भी टाली जा चुकी हैं. जो खिलाड़ी हर वक्त मैदान पर नजर आते थे, अब वे घरों में कैद हैं. सिर्फ कयास ही लगाया जा सकता है कि खेलों में यह ब्रेक कितना लंबा चलेगा. जो भी हो, पहली नजर में यह अनचाहा ब्रेक भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) को मजबूत नजर आता है.
यह याद करना मुश्किल है कि भारतीय क्रिकेट टीम या क्रिकेटरों ने इससे पहले एक महीने का ब्रेक कब लिया था. दुनिया की इस सबसे पावरफुल टीम का शेड्यूल इतना टाइट है कि टीम एक सीरीज खेलकर दूसरे देश के लिए उड़ान भर देती है. कई बार खिलाड़ियों के पास दो सीरीज के बीच इतना वक्त भी नहीं होता कि वे घर में चेहरा दिखा आएं. अभी जनवरी में ही ऐसा हुआ था, जब भारतीय टीम बेंगलुरू में ऑस्ट्रेलिया से वनडे मैच खेलने के कुछ घंटे बाद न्यूजीलैंड दौरे के लिए रवाना हो गई. तब इस शेड्यूल की कप्तान विराट कोहली ने आलोचना की थी.
बहरहाल, बात कोरोना वायरस से मिले ब्रेक की. यह मानने के पुख्ता कारण हैं कि यह ब्रेक टीम इंडिया को मजबूत करेगा. अगर इस वायरस ने खेलों पर विराम नहीं लगाया होता तो सभी क्रिकेटर आईपीएल की तैयारियों में व्यस्त होते. वे 29 मार्च से आईपीएल में अपना दम दिखा रहे होते, जो अब स्थगित हो चुकी है. इसके बाद बेहिसाब सीरीज और टूर्नामेंट का सिलसिला. और फिर अक्टूबर में टी20 वर्ल्ड कप तो होना ही है.
कह सकते हैं कि भारत ही क्यों, दुनियाभर के क्रिकेटर इस दौरान खेल रहे होते. तो फिर टीम इंडिया के लिए राहत जैसा क्या है. इसके लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पिछले छह महीने के पन्ने पलटने की दरकार होगी. आप पाएंगे कि पिछले छह महीने में एक भी ऐसा मैच नहीं हुआ है, जिसमें भारतीय टीम अपनी 100 फीसदी ताकत के साथ मैदान पर उतरी हो. हर मैच में एक-दो से लेकर चार-पांच क्रिकेटर सिर्फ इसलिए नहीं खेल पाए क्योंकि वे चोटिल थे. दूसरी टीमों के दो-तीन खिलाड़ी कई बार चोटिल हुए, लेकिन हमारी तो आधी टीम ही सीन से गायब हो गई. हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा, शिखर धवन, ईशांत शर्मा, पृथ्वी शॉ, जैसे क्रिकेटर पिछले छह महीने में कभी ना कभी चोट के कारण टीम से बाहर रहे. इनमें से ज्यादार ने टीम में वापसी की और उनकी चोट फिर उभर आई या दूसरी लग गई. हार्दिक, धवन, भुवनेश्वर के बार-बार चोटिल होने से तो नेशनल क्रिकेट एकेडमी पर भी सवाल उठे. कहा गया कि वह ठीक ढंग से इन क्रिकेटरों का रिहैबिलिटेशन नहीं करवा पा रही है. अब यह उम्मीद करना तो ज्यादा होगा कि भारतीय टीम हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा, शिखर धवन के बिना टी20 वर्ल्ड कप या कोई अन्य बड़ा खिताब जीत सकती है.
दरअसल, खुद को टीम में बनाए रखने के लिए अक्सर खिलाड़ी अपनी चोट छुपा लेते हैं. अब अगर कोरोना वायरस का कहर नहीं होता हो तो ये सभी खिलाड़ी आईपीएल में खेल रहे होते. इसके लिए ना सिर्फ खिलाड़ियों की असुरक्षा की भावना है, बल्कि कई बार टीम और प्रायोजकों का भी दबाव होता है. हमने देखा कि पिछले दिनों हार्दिक, भुवनेश्वर, धवन ने चोट के बाद वापसी की और उनकी चोट फिर उभर आई. वे फिर क्रिकेट से दूर होने को मजबूर हो गए. इसी तरह जसप्रीत बुमराह चोट से वापसी करने के बाद कभी भी उस रंग में नहीं दिखे, जिसके लिए जाने जाते हैं. शायद इन सबको चोट के बाद वापसी करने के लिए उतना वक्त नहीं मिला था, जितने की जरूरत थी.
अब आईपीएल टलने से इन क्रिकेटरों को वो ब्रेक मिल गया है, जो इन्हें बरसों से नहीं मिला था. इससे खिलाड़ी सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक थकान से भी उबर सकेंगे. वे लंबे ब्रेक के बाद आएंगे और तरोताजा रहेंगे. उम्मीद की जा सकती है कि यह ताजगी उनके खेल में भी दिखेगी और भारतीय टीम इस साल के सबसे बड़े टूर्नामेंट आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में पूरी ताकत के साथ उतरेगी. अगर ऐसा होता है कि उसका विश्व कप जीतने का दावा भी मजबूत हो जाएगा.