किसी भी आदमी का ब्लड प्रेशर 120/80 के स्तर पर होना सामान्य होता है, लेकिन यदि इसका स्तर 90/60 या उससे भी कम है, तो इसे लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन माना जाता है.
हाल ही में हुई स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया है कि बुजुर्गों में लो ब्लड प्रेशर उच्च मौत दर से जुड़ा हुआ है. एज एंड एजिंग नाम के जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में ब्रिटेन में बुजुर्गों के 415,980 इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया.
ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के स्टडी के लीड ऑथर जेन मासोली ने कहा, 'हम जानते हैं कि ब्लड प्रेशर का उपचार करने से स्ट्रोक व दिल के दौरे को रोकने में मदद मिलती है व हम किसी को भी सलाह नहीं देंगे कि जब तक उनके चिकित्सक नहीं कह देते हैं, तब तक वे अपनी दवाएं लेना बंद न करें.'
यह शोध तब किया गया जब कुछ राष्ट्रों ने चिकित्सकों को प्रोत्साहित के लिए ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए इसके दिशा-निर्देशों को बदल दिया था.
बिट्रेन के ब्लड प्रेशर के गाइड लाइन सभी के लिए सुरक्षित मापदंडों के भीतर हैं. हालांकि, पिछले शोध ने बुजुर्गों पर इसके असर का विचार नहीं किया है, जिन्हें अक्सर परीक्षणों से छोड़ दिया जाता है.
निष्कर्षों के दौरान, रिसर्च टीम ने पाया कि सामान्य ब्लड प्रेशर वाले लोगों की तुलना में 75 या उससे अधिक आयु वाले लोगों में लो ब्लड प्रेशर (130/80 से कम) की मौत दर बढ़ी है. स्टडी में बोला गया कि यह विशेष रूप से 'कमजोर' व्यक्तियों के लिए है, जिनके 10 वर्षों के दौरान मौत का 62 फीसदी जोखिम था.
भले ही हाई ब्लड प्रेशर ने दिल के दौरे जैसे जोखिम को बढ़ा दिया, लेकिन यह 75 से अधिक आयु के निर्बल बुजुर्गों में उच्च मौत दर से जुड़ा नहीं था. 85 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों जिनका ब्लड प्रेशर बढ़ा था, उनमें लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों की तुलना में मौत दर में कमी आई थी भले ही वे निर्बल थे या नहीं.
myupchar.com के एम्स से जुड़े डाक्टर अनुराग शाही का बोलना है, 'ब्लड प्रेशर सामान्य से बहुत ज्यादा कम हो जाता है तो दिल, मस्तिष्क व शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है. चक्कर आना व बेहोशी दोनों लो ब्लड प्रेशर के मुख्य लक्षण हैं. यह लक्षण तब सबसे ज्यादा दिखते हैं, जब आदमी बैठने या लेटने के बाद खड़ा होता है. लो ब्लड प्रेशर का सामान्य कारण रक्त की मात्रा में कमी, दिल की बीमारी या दवाएं हैं.'
लो ब्लड प्रेशर से बचने के लिए आदमी को शरीर की मुद्रा का ध्यान देना होगा. बैठने की स्थिति के बाद धीरे से खड़े हों व एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर न बैठे. साथ ही एल्कोहल का सेवन कम करें क्योंकि शराब से डिहाइड्रेशन होने कि सम्भावना है व यह लो बीपी कर सकता है. पानी पीने से डिहाइड्रेशन दूर होगा व रक्त की मात्रा बढ़ेगी.
की डाक्टर मेधावी अग्रवाल का बोलना है कि लो ब्लड प्रेशर से बचने के लिए स्वस्थ खाएं. जब ब्लड प्रेशर लो हो तो ज्यादा नमक व अधिक से अधिक तरल पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन नमक की मात्रा बढ़ाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.