दरौंदा थाना क्षेत्र के करसौत गांव में होली के दिन मंगलवार की शाम एक दिव्यांग की गला दबा हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया। मृतक करसौत निवासी हरेंद्र सिंह का पुत्र गोविन्द कुमार सिंह (40 वर्ष) था।
#img#ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को होली के दिन शाम में सभी लोग एक दूसरे को अबीर लगा रहे थे। गांव में घर-घर जाकर होली गाया जा रहा था। तभी गोविन्द सिंह की हत्या की खबर से गांव में अफरातफरी मच गई। गोविन्द सिंह की हत्या कर शव को गांव के ही बागीचे में आम के पेड़ से लटका दिया गया। इस मामले में मृतक के पिता हरेन्द्र सिंह ने एफआईआर दर्ज करायी है। जिसमें कहा गया है कि मंगलवार को होली के दिन शाम करीब 4 बजे गोविन्द कुमार सिंह काली स्थान करसौत से होली गीत-गाकर लौट रहे थे। सभी लोग काली स्थान से लौटकर मुखिया रामकृष्ण सिंह के दरवाजे पर फगुआ गाने लगे।
फगुआ की तेज आवाज सुनकर उनकी गाय रस्सी तोड़ काली स्थान की तरफ भागने लगी। गाय को भागते देख उसे पकड़ने के लिए पीछा करते हुए काली स्थान पर पहुंचा। वहां देखा कि उसके पुत्र गोविंद कुमार सिंह को गांव के ही प्रदीप राम, कैलाश राम, धुपनाथ राम, सर्वजीत राम, कमलेश राम गले में गमछा का फंदा लगाकर आम की पेड़ में टांगने की कोशिश कर रहे हैं। पुत्र की हत्या करते देख वह भागते हुए अपने दरवाजे पर पहुंचे। इसकी जानकारी गांव की होली मंडली को दी।
जानकारी देने के बाद सभी लोग दौड़कर काली स्थान की तरफ से पूरब की तरफ फुलवारी में पहुंचे तो देखा कि सभी लोग भाग रहे थे। पेड़ के और करीब पहुंचे तो देखा कि गोविंद कुमार सिंह पेड़ पर गमछे के सहारे लटके हुए हैं।परिजनों ने कहा कि गला दबाकर हत्या करने के बाद साक्ष्य को मिटाने के लिए उसे पेड़ के सहारे गमछे से लटका दिया गया। प्राथमिकी में मृतक के पिता हरेंद्र सिंह ने कहा है की इस पूरे कांड के पीछे सिरसांव निवासी एक माले नेता की साजिश है।
घटना के बाद गांव पुलिस छावनी में तब्दील गोविन्द कुमार सिंह की हत्या की खबर मिलते ही काफी संख्या में पुलिस करसौत गांव पहुंच गई। गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। करसौत में दो गुट के बीच पहले से तनाव कायम है।
यह देखते हुए पहले से ही पुलिस गांव पर पैनी नजर लगाए हुए है। मंगलवार की शाम हत्या की खबर मिलते ही थानाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह पुलिसबल के साथ गांव में कैम्प कर गए। बुधवार को भी पुलिस गांव में गश्त कर रही थी।