शहर स्थित एसपी ऑफिस के निकट शनिवार की देर रात चौकीदार रामनाथ की शराब कारोबारियों ने कार से कुचलकर उसकी जान ले ली। चौकीदार मुफस्सिल थाने के जियाय गांव का रहने वाला था। घायलावस्था में चौकीदार को स्थानीय लोगों की मदद से इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान घायल चौकीदार की मौत हो गई। इस मामले में कार चालक सहित उसके एक साथी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
#img#दोनों हरियाणा के कैथल निवासी शमशेर सिंह का 22 वर्षीय पुत्र बलराज उर्फ काला व करनाल निवासी सत्यपाल सिंह का पुत्र मोहनलाल उर्फ मोनू है। मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंच एसपी अभिनव कुमार ने मामले की जानकारी ली। चौकीदार को ठोकर मारने के मामले में पकड़े गए दोनों युवकों से पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों युवक दिल्ली से बिहार के मुजफ्फरपुर शराब की खेप डिलेवरी कराने निकले थे। उनका आका भी स्विफ्ट कार से लाईनर की भूमिका निभा रहा था। ठोकर मारने के बाद तेज गति से भाग रही कार के सामने अचानक एक ट्रैक्टर के आने के बाद उनका संतुलन बिगड़ गया और वे पकड़ लिए गए। ज्ञात हो कि सूता फैक्ट्री के पास पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान कार को रोकने का इशारा किया था। बावजूद चालक तेज गति से कार लेकर फरार हो गया। इसी दौरान डाक देकर लौट रहा चौकीदार दुर्घटना का शिकार हो गया।
कार का नंबर देख पुलिस हैरत में शराब लदी कार में नौ सौ बोतल शराब थी। जांच के दौरान कार का नंबर प्लेट देख मुफस्सिल थाने की पुलिस हैरत में पड़ गयी। दरअसल नंबर प्लेट के दोनों तरफ अलग-अलग नंबर अंकित था। एक तरफ यूपी तो दूसरी तरफ बिहार का नंबर था। जबकि चेचिस नंबर की जांच की गयी तो वह हरियाणा राज्य की गाड़ी निकली।
शराब लाने से पहले की गयी थी रेकी चौकीदार को ठोकर मारने के आरोपित बलराज उर्फ काला ने बताया कि बिहार में शराब की खेप पहुंचाने के पहले भी वह जिले में एक बार आ चुका है। उस समय उसके साथ कार में सवार हरियाणा का मुख्य कारोबारी भी था। दिल्ली से लखनऊ, देवरिया व सलेमपुर होते हुए मैरवा थाने की सीमा में प्रवेश किया। इसके बाद सभी मुजफ्फरपुर के लिए निकल पड़े थे।
एक खेप पहुंचाने को मिलते हैं सात हजार पकड़े गए मोहन लाल ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि दिल्ली के बाईपास से कार में शराब की लोडिंग की गई थी। शराब की डिलवरी मुजफ्फर में करनी थी। कार सही सलामत हरियाणा पहुंचाने पर दोनों को सात हजार रुपये देने की बात कही गई थी। लेकिन बीच में ही पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने पर उसे कुछ नहीं मिलेगा।
मनोज कुमार है असली कारोबारी पकड़े गए कार चालक व उसका एक साथी ने बताया कि असली कारोबारी मनोज कुमार है। वह हरियाणा के जिंद का रहने वाला है। बिहार में शराब की खेप लाते समय वह भी साथ था। उसकी कार हमेशा शराब लदी गाड़ी से दो किलोमीटर आगे रहती थी। वह चेकिंग व रास्ते की सही जानकारी देता रहता था। जानकारी के अनुसार एक बार पहले भी वह शराब तस्करी के मामले में जेल भेजा जा चुका है।
साढ़े नौ घंटे में पूरी की दिल्ली से सीवान की यात्रा कार चालक ने बताया कि दिल्ली के बाईपास इलाके से शराब की खेप लोड करने के बाद वह साढ़े नौ घंटे में बिहार की सीमा में प्रवेश कर गया। वहीं बलराज ने बताया कि दिल्ली से शनिवार की सुबह नौ बजे चले थे। उसी दिन शाम के साढ़े छह बजे ही वे सीवान जिले की सीमा में प्रवेश कर गए थे।