पूर्वी चंपारण। रक्सौल शहर के कौड़ीहार चौक स्थित चौधरी चरण सिंह गोलंबर चौराहे पर रक्सौल युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एलआइसी बांड्स पेपर जलाकर विरोध प्रकट किया। कार्यक्रम का नेतृत्व बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव सह गोपालगंज प्रभारी प्रो.अखिलेश दयाल ने किया। कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा आम बजट पेश करते समय दिए गए भाषण के दौरान कहा गया था कि सरकार एलआइसी का एक हिस्सा बेचेगी। इसको लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। सरकार के तानाशाही फरमान से एलआइसी से जुड़े कर्मचारी सरकार के सवाल से परेशान है। प्रदेश महासचिव ने कहा कि एलआइसी का महत्व की बात करे तो इससे लोग सीधे जुड़े हुए हैं। देशभर में एलआईसी के 30 करोड़ से ज्यादा बीमाधारक हैं और लगभग 20 लाख अभिकर्ताओं को इससे नौकरी मिली है। पूर्व में 4 फरवरी को ऑल इंडिया बीमा कर्मचारी संघ ने भी विरोध और कार्य का बहिष्कार किया । प्रदेश महासचिव ने कहा कि वर्ष 1956 के दौरान निजी क्षेत्र में 245 बीमा कंपनियां देश में काम कर रही थी। इन कंपनियों की देनदारी काफी बढ़ गई और ये बीमाधारकों को भुगतान नहीं कर पा रही थी। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बीमा व्यवसाय के राष्ट्रीयकरण का निर्णय लिया ।1 सितंबर 1956 को संसद में एक अध्यादेश लाकर जीवन बीमा निगम का गठन किया गया और भारतीय जीवन बीमा निगम का लक्ष्य प्यूपिल्स मनी फॉर प्यूपिल्स वैलफेयर निर्धारित किया गया। 1957 से लेकर 2002 तक भारत सरकार को 3055.32 करोड़ और वर्ष 2003 से लेकर 2019 तक लाभांश के रूप में वृद्धि की। देश में आपातकाल के समय संकटमोचन का कार्य एलआईसी ने किया है। जिसके उदाहरण एलआईसी ने अबतक 21,4000 हजार करोड़ रुपये सरकारी क्षेत्र में निवेश किया है । 2012 से 2017 तक एलआइसी ने 17 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और वर्तमान पंचवर्षीय योजना साल 2017 से 2022 के बीच इसमें एलआईसी अबतक सरकार को 10 लाख करोड़ रुपये दे चुकी है । प्रदेश महासचिव ने कहा कि राष्ट्र सेवा में भी एलआइसी का योगदान सराहनीय रहा है। पुलवामा हमले में जब देश के जवान शहीद हुए तो एलआइसी ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए दूसरे दिन ही क्लेम दे दिया। केदारनाथ, कश्मीर, केरल, चेन्नई में आए प्राकृतिक आपदाओं के समय अपने नियमों में बदलाव करते हुए भुगतान किया । प्रदेश महासचिव ने कहा कि आज सरकार देश की सभी सरकारी संपत्तियों को बेचकर अपने दस उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचा रही है। आने वाला समय में भारत विश्व के सबसे नीचे विकासशील देशों की सूची में रहेगा । कार्यक्रम में ईश्वर चन्द्र प्रसाद, उपेन्द्र साह, प्रेम कुमार, मुख्तार अंसारी, दीपेन्द्र गोस्वामी, रवि कुमार, साहिल राजा, मुकेश कुमार, अवधेश कुमार यादव, नफीस आलम, सहित अनेकों युवा उपस्थित थे।
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Posted By: Jagran
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