जागरण संवाददाता, सुपौल: जिला दंडाधिकारी एवं समाहर्ता महेंद्र कुमार ने शराब पीने के प्रमाणित आरोप में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 और बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के आलोक में निर्मली अनुमंडल के तत्कालीन लिपिक प्रभाकर कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही सरकार के अधीन भविष्य में नियोजन के लिए भी प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा बिहार गजट में प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया है।
जिला दंडाधिकारी ने आदेश जारी कर प्रभाकर कुमार सिंह तत्कालीन लिपिक अनुमंडल कार्यालय निर्मली एवं वर्तमान अंचल कार्यालय किसनपुर को निर्मली थाना कांड संख्या 18-18 के तहत गिरफ्तार कर मंडल कारा सुपौल में न्यायिक हिरासत में रखे जाने एवं शराब पीने के प्रमाणित आरोपों में विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए पत्र निर्गत की तिथि से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विदित हो कि पांच फरवरी 2018 को लिपिक को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद जिलाधिकारी द्वारा पांच फरवरी 2018 को ही निलंबित भी कर दिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद पुन: अनुमंडल पदाधिकारी निर्मली की अनुशंसा के आलोक में 19 फरवरी 2018 को जिलाधिकारी ने निलंबन से मुक्त कर दिया था तथा इसका पदस्थापन अंचल कार्यालय किसनपुर कर दिया गया था। लिपिक के ब्रेथ एनेलाइजर जांच में अल्कोहल की मात्रा पाई गई और चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा भी अल्कोहल सेवन की पुष्टि की गई। इसके लिए उन्हें पूर्ण रूपेण दोषी माना गया है। लिपिक के इस कृत बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 और बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 2017 में निहित निर्देश के प्रतिकूल है। इनके इस आचरण से अन्य कर्मियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। तथा अन्य कर्मियों के बीच गलत संदेश जाएगा। लिपिक के इस कृत्य के लिए वृहत दंड आरोपित किया जाना उचित प्रतीत होता है। जिलाधिकारी ने उनके विरुद्ध वृहत दंड को सेवापुस्त में लाल रोसनाई से अंकित करने का भी निर्देश दिया है।
जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत जिले में 413 तालाबों को किया गया चिन्हित यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस