गुरु गोविद सिंह की 353वीं जयंती मनाई गई

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गुरूद्वारा में लंगर में सभी समुदाय के लोगों ने लिया भाग
गुरु गोविद सिंह जी ने युवाओं को नशा, झूठ, आलस्य, फरेबी से दूर रहने का संदेश दिया था
बड़ी संख्या में सिख समुदाय के महिला, पुरूष और बच्चे शामिल हुए
श्रद्धालुओं के बीच कड़ा प्रसाद का वितरण किया गया
फोटो नंबर 14 एआरआर 02 व 03
कैप्शन: पाठ करते ज्ञानी व उपस्थित महिला श्रद्धालु
संसू.,फारबिसगंज (अररिया): मंगलवार को फारबिसगंज के गुरुद्वारा सिंह सभा में खालसा पंथ के प्रवर्तक गुरु गोविद सिंह जी की 353वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर सिख समुदाय के द्वारा नववर्ष लोहड़ी (मकर संक्रांति) भी धूमधाम से मनाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में सिख समुदाय के महिला, पुरूष और बच्चे शामिल हुए। इस अवसर पर गुरुद्वारा के ज्ञानी भगवान सिंह के द्वारा अखंड बारहवीं पाठ के उपरांत श्रद्धालुओं के बीच कड़ा प्रसाद का वितरण किया गया। ज्ञानी ने अपने प्रवचन में बताया कि गुरु गोविद सिंह जी ने तत्कालीन समाज व्यवस्था में सनातन धर्म की रक्षा के लिए अनंतपुर साहब में खालसा पंथ की स्थापना किया था। उन्होंने युवाओं को नशा, झूठ, आलस्य, फरेबी से दूर रहने का संदेश दिया था। उनके बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वहीं जयंती के मौके पर गुरूद्वारा में आयोजित लंगर में भी सभी समुदाय के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। जयंती समारोह में मुख्य रूप से गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष पृथ्वीपाल सिंह, तेजेन्द्रपाल सिंह, रौनक सिंह, रंजीत सिंह, इंद्रपाल सिंह, मंजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, अमनदीप सिंह, कुलदीप कौर, बलजीत कौर, जसमीर कौर, रजत सिंह, गुरमेल सिंह, रंजीत कौर, दिप कौर, सेंकी सिंह, अमरजीत सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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