राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर कर्मनाशा नदी पुल के क्षतिग्रस्त होने एक पखवारा बाद भी शहर को जाम से निजात नहीं मिल पाया है। ठंड से बेहाल लोग शहर की धमनी मानी जाने वाली पुरानी जीटी रोड पर सोमवार को लगने वाले जाम से पूरे दिन परेशान रहे। सुबह से लेकर देर शाम तक महाजाम लगा रहा। आलम यह कि पुरानी जीटी रोड से लेकर बस पड़ाव से लेकर अन्य रास्तों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। शुरू से ही ट्रैफिक व्यवस्था के संचालन से अनभिज्ञ जिला प्रशासन इस भीषण जाम से निबटने में पूरी तरह से विफल दिखा।
समाहरणालय गेट से लेकर पोस्ट ऑफिस चौक तक मौजूद भारी संख्या में मौजूद पुलिस जवान भी असहाय की स्थिति में दिखे। शायद जाम को शहर की नियति मान वाहनों में फंसे लोगों को राम भरोसे ही छोड़ देना मुनासिब समझा। बौलिया रोड से लेकर कचहरी से आगे तक लगे घंटों जाम के कारण स्कूल के बस लेकर एंबुलेंस भी फंसी रही। अपने कार्यालय कक्ष में मौजूद जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों को जाम में फंसे रोगियों से लेकर बच्चों को देख भी तरस नहीं आई।
युवा व्यवसायी विनोद सिंह कहते है कि सुबह तक ट्रकों की लंबी कतार शहर में नहीं टूटने के कारण जाम की समस्या महाजाम के रुप में ले ली। नो इंट्री के समय समाप्त होने होने के बाद भी शहर में ट्रकों के आने जाने के सिलसिला को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस प्रशासनिक व्यवस्था नहीं दिख रही है। फुटफाथ का अतिक्रमण होने के कारण पुरानी जीटी रोड पहले से भी संकरा हो गई है, इससे भी परेशानी है। नप ईओ कुमारी हिमानी ने कहा कि जल्द ही बेदा में बने बस पड़ाव शुरू हो जाने के बाद काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।
Posted By: Jagran
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