पूर्णिया। जिला मुख्यालय की सड़कों से लेकर गलियों तक में बिना नंबर की ई-रिक्शा पर चार की जगह आठ सवारियों को बैठा कर धड़ल्ले से परिचालन किया जा रहा है। जो कभी भी बड़े हादसे का गवाह बन सकता है। लेकिन परिवहन विभाग कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रही है।
खास तौर पर शहरी इलाके में ई-रिक्शा का क्रेज लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बिना आवाज और खुला होने के कारण लोग ई-रिक्शा पर बैठ सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि शहरों के मुख्य चौक चौराहो से लेकर गलियों तक ई रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है। चौक-चौराहों पर यातायात नियमों की अनदेखी कर खड़ी ई रिक्शा जाम की समस्या को और भी विकराल कर देती है। बता दें कि परिवहन सचिव ने जिला परिवहन कार्यालय को पत्र लिखकर जिले में बैट्री चालित बिना रजिस्ट्रेशन परिचालित हो रही ई-रिक्शा को लेकर अविलंब कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। परिवहन सचिव से मिले निर्देश के बाद 25 जुलाई 2019 तक जिला परिवहन विभाग ने सभी ई रिक्शा चालकों को रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर निर्देशित किया था। लेकिन विभागीय आदेश के बाद भी जिले में बिना नंबर के ई रिक्शा का परिचालन लगातार हो रहा है। बिना निबंधित ई रिक्शा के परिचालन पर रोक को लेकर जिला परिवहन विभाग ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है। बता दें कि बिना निबंधन कराए महिनों से सड़कों पर चल रहे ई रिक्शे को अवैध घोषित किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। जाच अभियान के दौरान परिवहन विभाग कभी भी बिना रजिस्ट्रेशन कराए रिक्शा को जब्त कर सकता है।
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60 फिसदी बिना निबंधित ई रिक्शा परिचालित
विभाग द्वारा पूर्व में ही ई-रिक्शा को वाहन की श्रेणी में रखते हुए बिहार मोटर वाहन अधिनियम के दायरे में लाया गया है। इससे न केवल इन वाहनों का परिचालन नियमित होगा बल्कि सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण अभी तक ई-रिक्शा पर मोटर अधिनियम लागू होने के बाद भी सैकड़ों वाहन बिना रजिस्ट्रेशन सड़कों पर फरार्टे भर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 60 प्रतिशत ई-रिक्शा बिना निबंधन के ही सड़कों पर फर्राटा भर रहीं हैं। इससे सरकार को भारी पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा है।
प्रधान सचिव का निर्देश
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बता दें कि प्रधान सचिव ने पत्र लिखकर सभी जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटर यान निरीक्षक को बिना निबंधन के चल रहे ई- रिक्शा मालिकों पर कार्रवाई करने का जुलाई 2019 में ही निर्देश दिया था। साथ ही बिना निबंधन के ई-रिक्शा बेचने वाले डीलर की ट्रेड लाइसेंस रद्द करने का भी आदेश दिया गया था। विभागीय आदेश है कि ई-रिक्शा विक्त्रय करने वाली कंपनी कागजात देने से पहले ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन कराएगी। लेकिन ऐसा अब तक होता नहीं दिख रहा है।
हादसे को दे रहा दावत
विभाग से मिले आकड़ों में जिले में सिर्फ 421 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, लेकिन सड़कों पर इससे दो गुना से अधिक करीब एक हजार ई रिक्शा परिचालित हो रही है। जिला परिवहन विभाग अब तक ई-रिक्शा पर कार्रवाई को लेकर किसी तरह की कोई अभियान नहीं चलाया है। इससे ई रिक्शा चालकों द्वारा रजिस्ट्रेशन को लेकर पहल की जा सके। वही ई-रिक्शा चालक क्षमता से ज्यादा चार की जगह आठ सवारियों के साथ ही माल की ढुलाई भी धड़ल्ले से कर रहा है। कई जगह इनमें स्कूली बच्चों को भी ले जाते आसानी से देखा जा सकता है। इतना ही नहीं जिला परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन न होने के कारण हादसे के बाद भी कार्रवाई हो पाना भी संभव नहीं है।
कोट के लिए -
जिले में बिना निबंधित सड़कों पर दौड़ रही ई रिक्शा पर जल्द ही विभाग अभियान चलाकर कार्रवाई करेगा। साथ ही डीलरों को भी नयी रिक्शा बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने वाले डीलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विकास कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया
Posted By: Jagran
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