पूर्णिया। शहर को स्वच्छता रैंकिंग में सुंदर और स्वच्छ बनाकर देश स्तर पर आगे बढ़ाने में नगर निगम की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण में देश स्तर पर दूसरी तिमाही में शून्य अंक मिलने के बाद अंतिम तिमाही में बेहतर रैंक के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है, जबकि अंतिम तिमाही के केंद्रीय सर्वेक्षण की तिथि जारी हो चुकी है।
31 जनवरी तक कभी भी केंद्रीय टीम निरीक्षण के लिए पहुंच सकती है। सर्वेक्षण टीम के सदस्य गोपनीय तरीके से एप के माध्यम से शहर के स्वच्छता संबंधित पड़ताल करेंगे। स्वच्छता संबंधित जमीनी हालात का फोटो एप पर अपलोड करेंगे। इस दौरान शहरवासी से पहले से शहर कितना स्वच्छ हुआ है इस पर राय लेंगे। इधर सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर जिम्मेदार अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक चुप्पी साधे हुए हैं। आलम यह है कि पूर्णिया जिला प्रमंडलीय मुख्यालय है इसके बावजूद किशनगंज और कटिहार जिला केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के दूसरे तिमाही में पूर्णिया नगर निगम से बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं कटिहार पूरे सूबे में नंबर वन रैंक पाया है।
दूसरे तिमाही में शून्य अंक पर भी सक्रिय नहीं हुआ निगम
दूसरे तिमाही में पूर्णिया शहर को शून्य अंक मिलने के बाद भी नगर निगम की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है। आखिर पूर्णिया नगर निगम रैंकिंग में क्यों पिछड़ा इसका भी जवाब कोई नहीं दे रहे हैं। इधर अंतिम तिमाही के सर्वेक्षण में बेहतर के लिए बेपटरी हो चुकी साफ-सफाई की व्यवस्था पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। स्वच्छता एप डाउनलोड कर संचालित करने के लिए भी शहरवासियों के बीच कोई जागरुकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है। व्यवस्था बेहतर करने के लिए ना तो अब तक कोई बैठक की गई है ना ही कोई कार्ययोजना बनाई गई है।
कचरे से पटा शहर, स्वच्छता एप को ले नहीं दिखा रहे कोई रूचि
छात्र संघ चुनाव को लेकर महाविद्यालयों में मतदाता सूची जारी यह भी पढ़ें
शहर कचरा से पटा हुआ है, लोगों में स्वच्छता एप को लेकर कोई रूचि नहीं है। शहर में कहीं भी गीला और सूखा कचरा रखने के लिए हरा और नीला बड़ा डस्टबिन नहीं लगाया गया है। 50 माइक्रोन से कम मानक वाले प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल बाजार में हो रहा है। जल निकासी नहीं होने के कारण शहर के अधिकांश नाला जाम है और गंदा पानी जमा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट के तहत डंपिंग जोन की व्यवस्था नहीं होने के कारण तत्काल कचरा निष्तारण पर कोई विचार-विमर्श नहीं हो पाया है। शहर के हर सड़क किनारे कचरे का अंबार लगा है। इस तरह स्वच्छता संबंधित तमाम समस्या शहर में व्याप्त है।
इस बार बीते सर्वेक्षण के डाटा पर भी मिलेंगे अंक::
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नगर निगम का रैंकिंग पूरे वित्तीय वर्ष के क्रियाकलाप पर आधारित होगा। पूर्व में त्रैमासिक तीन-तीन माह पर संकलित किए गए स्वच्छता रिपोर्ट भी काफी अहम रहेगा। इस अंतिम तिमाही में बेहतर अंक पूरे साल में हुए साफ-सफाई व्यवस्था और पूर्व के सर्वेक्षण डाटा पर रहेगा। सर्वे में कुल चार हजार अंक रखे गए हैं। बताया जाता है कि इस साल के सर्वे में सबसे अहम है कि शहरों को उनके बेहतर काम के आधार पर अंक में 25 फीसदी तक वरीयता दी जाएगी।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस