संसू., अररिया: अररिया आरएस ओपी क्षेत्र के हड़ियाबाड़ा के समीप एन एच 57 पर करीब डेढ़ साल पहले कनीय अभियंता राम बिलास महतो को अपराधियों ने आग्नेयास्त्र के बल हत्या कर दिया। इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया के एडीजे तृतीय आरके श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई पूरी की। सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में अधिवक्ताओं, लोक अभियोजक सहित अररिया के पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। अदालत ने सुनवाई के दौरान इस मामले को गंभीरता से लिया और मामले में आरोपित तीन लोगों को दोषसिद्ध करार देते न्यायिक सुरक्षा में जेल भेज दिया तथा इस संवेदनशील मामले में अदालत ने सजा की बिन्दु पर शुक्रवार की तिथि मुकर्रर किया है। यह घटना 17 जून,18 की साढ़े नौ बजे रात्रि की है। मामले के सूचक बने मृतक कनीय अभियंता राम बिलास महतो की पत्नी पुष्पा कुमारी ने आरोप लगाया है कि घटना तिथि को नरपतगंज प्रखंड में संविदा के आधार पर पदस्थापित उसके पति व मृतक कनीय अभियंता अपने मोटरसाइकिल से अररिया लौट रहे थे। जिन्हें हड़ियाबाड़ा स्थित एनएच 57 पक्की सड़क पर अज्ञात अपराधियों ने एकमत होकर से गोली मार दिया। जिनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। उक्त कनीय अभियंता झारखंड स्थित रांची जिले के एनएच 34, दीपा टोली, थाना टोली सिल्वे के महिलोग निवासी बताये जाते हैं। जिन्हें अपराधियों ने आग्नेयास्त्र से मुंह व सीने में गोली मारने से घटना स्थल पर हीं उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले में अररिया आरएस थाना कांड संख्या-384/18 दर्ज हुआ। एडीजे तृतीय श्रीवास्तव की अदालत ने सत्र वाद संख्या- 117/19 के तहत आरोपित बने महीचंदा निवासी 40 वर्षीय मो मुर्शीद, रामपुर निवासी 25 वर्षीय मो इरशाद तथा डुमरिया निवासी 25 वर्षीय मो आलानूर के खिलाफ सुनवाई पूरी की। इस मामले में सरकार की ओर से कुल 11 गवाहों ने अदालत में अपना पक्ष रखा।मामले में सुनवाई के दौरान अररिया के पुलिस अधीक्षक सहित लोक अभियोजक महेश्वर शर्मा, एपीपी राजानंद पासवान, बचाव पक्ष के अधिवक्ता एलपी नायक सहित अधिवक्ताओं व मुवक्कीलों से अदालत भरा रहा।
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Posted By: Jagran
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